
Gujarat Assembly Uproar. गुजरात विधानसभा में बुधवार को कुछ मुद्दों को लेकर सरकार और विपक्ष के बीच जमकर हंगामा हुआ। हंगामा बढ़ते देख जिग्नेश मेवाणी और 14 कांग्रेस विधायकों को विधानसभा से दिन भर के लिए निलंबित कर दिया गया। इसके बाद भी विधायक हंगामा करते रहे तो मार्शलों ने मोर्चा संभाला और उन्हें विधानसभा से बाहर निकाल दिया। इस मामले को लेकर गुजरात में राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस विधायक सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। सदन ने उपनेता प्रतिपक्ष ने भाजपा पर विधायकों की बात न सुनने का आरोप लगाया है।
आखिर क्या हुआ आज
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष सुखराम राठवा ने आंदोलनकारी सरकारी कर्मचारियों, किसानों, आंगनबाडी कार्यकर्ताओं और पूर्व सैनिकों से जुड़े मुद्दों पर आधे घंटे की विशेष चर्चा की मांग की। जब स्पीकर निमाबेन आचार्य ने राठवा की मांग को ठुकरा दिया तो मेवाणी और कांग्रेस के अन्य विधायक सदन के वेल के पास पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। विरोध कर रहे विधायकों ने कर्मचारियों को न्याय दो, वन कर्मचारियों को न्याय दो और पूर्व सैनिकों को न्याय दो जैसे स्लोगन वाली तख्तियां भी लहराईं।
भाजपा चर्चा को राजी नहीं
डिप्टी एलओपी शैलेश परमार ने पूछा कि जब लगभग सभी विभागों के इतने कर्मचारी अपने लंबित मुद्दों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं तो भाजपा सदन में चर्चा करने के लिए तैयार क्यों नहीं है? जब सभी विरोधी सदस्य नारेबाजी कर रहे थे उन्होंने यह सवाल पूछा। जब विपक्षी विधायकों ने स्पीकर के निर्देश पर अपनी सीटों पर वापस जाने से इनकार कर दिया तो गुजरात के विधायी और संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र त्रिवेदी ने वेल में बैठे विधायकों को निलंबित करने का प्रस्ताव रखा। इस प्रस्ताव को ध्वनि मत से पारित किया गया। इसके बाद नीमाबेन आचार्य ने मेवाणी और 14 अन्य कांग्रेस विधायकों को दिन भर के लिए निलंबित कर दिया।
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