
अहमदाबाद. अगर आपको हमेशा अपने मोबाइल की सुरक्षा की फिक्र खाए जाती है, तो यह मामला आपको राहत देगा। दरअसल, आज मोबाइल एक आम जरूरत बन गई है। लोग मोबाइल का बीमा भी कराने लगे हैं। लेकिन चोरी के ज्यादातर मामलों में बीमा कंपनियां क्लेम देने में आनाकानी करती हैं। लेकिन गुजरात का यह शख्स उपभोक्ता फोरम के जरिये अपने मोबाइल का क्लेम लेकर ही माना।
कंपनी मार रही थी टल्ला...
अहमदाबाद के नेहरू नगर में रहने वाले अरुण राज का मोबाइल घर से गायब हो गया था। घटना अक्टूबर 2013 की है। राज तक जिम गए हुए थे। राज ने अपने मोबाइल के चोरी होने की FIR पुलिस में दर्ज कराई थी। जब उन्होंने क्लेम के लिए बीमा कंपनी से संपर्क किया, तो उन्हें साफ मना कर दिया गया। कंपनी का तर्क था कि मोबाइल घर से गुमा है, इसलिए क्लेम नहीं दिया जाएगा।
राज ने कन्ज्यूमर कोर्ट में लगाया केस
बीमा कंपनी के मना करने के बाद राज ने अपना केस कन्ज्यूमर कोर्ट में लगाया। कोर्ट ने कहा कि अगर उपभोक्ता अपने घर में कहीं मोबाइल रख देता है, तो उसे लापरवाही नहीं कहा जाएगा। कोर्ट ने कहा कि कोई भी इंसान अपना सामान अपने घर पर कहीं भी रख सकता है। अगर कंपनी को कोई शक है, तो वो मामले की जांच करा सकती है। लेकिन क्लेम देने से मना नहीं कर सकती। कोर्ट ने आदेश दिया कि बीमा कंपनी उपभोक्ता को मोबाइल के 8 फीसदी ब्याज के साथ 90 प्रतिशत दाम यानी 23,214 रुपए बतौर क्लेम दे। साथ ही 2250 रुपये का अतिरिक्त मुआवजा भी अदा करे।