बेंगलुरु. कर्नाटक में चल रहे राजनीतिक नाटक का दो दिन बाद भी पटाक्षेप नहीं हो सका। करीब दो हफ्ते पहले कई विधायकों की बगावत के बाद कांग्रेस और जेडीएस गठबंधन को अपनी सरकार बचाने ऐड़ी-चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है। बावजूद कुर्सी बचे रहने की संभावना रत्तीभर भी नजर नहीं आती। विधानसभा में दो दिन की कार्रवाई के बाद भी फ्लोर टेस्ट नहीं हो पाया। मामला सोमवार तक टल गया है। इस सबके बीच कुमार स्वामी सरकार की रक्षा के लिए जेडीएस नेता मंदिरों-ज्योतिषियों और तांत्रिकों की शरण में पहुंचे हैं।
उल्लेखनीय है कि कांग्रेस और जेडीएस सरकार के 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है। इनमें कांग्रेस के 13 और जेडीएस के 3 विधायक शामिल हैं। हालांकि, स्पीकर ने अब तक इन्हें स्वीकार नहीं किया। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद बागी विधायकों को विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के लिए आने या न आने के छूट दी गई है। गुरुवार को सदन से 19 विधायक नदारद थे। बीजेपी के पास 105 से अधिक विधायक हैं। वहीं बगावत के बाद कांग्रेस-जेडीएस के पास 100 के आसपास विधायक बचे हैं। ऐसे में कुमार स्वामी सरकार के बचने की संभावना नजर नहीं आती। सदन में दो दिन से चल रही कार्रवाई किसी निर्णय तक नहीं पहुंच पाई है। अब मामला सोमवार तक टल गया है।
ज्योतिषियों को दावा अगर विश्वासमत पर सोमवार को बहस शुरू हुई, तो यह मंगलवार तक चल सकती है। ऐस में कुमार स्वामी सरकार के बचने की संभावना बढ़ जाती है। जेडीएस सुप्रीमो एचडी देवगौड़ा, कुमारस्वामी, उनके भाई एचडी रेवन्ना और परिवार के बाकी लोग सरकार बचाने के लिए विशेष पूजा कर रहे हैं। गुरुवार को रेवन्ना मन्नत के तहत नंग पैर विधानसभा पहुंचे। वहीं बुधवार को वे परिवार के साथ बेंगलुरु स्थित श्रृंगेरी शारदा पीठम गए थे।
भाजपा भी तंत्र-मंत्र की बात से इनकार नहीं करती। एक नेता ने कहा कि एचडी रेवन्ना शुक्रवार को सदन में नींबू लेकर आए थे। आशंका है कि वे टोटका कर रहे थे। हालांकि कुमारस्वामी ने दावा किया कि ऐसा कुछ नहीं है। कहा जाता है कि रेवन्ना संकटों से बचने हमेशा अपने हाथ में नींबू लिए रहते हैं।