मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा।10 मार्च को नतीजे आएंगे। AMCO ने कहा कि अगर रविवार को पहले चरण का मतदान हुआ, तो इससे ईसाइयों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचेगी।
इंफाल : पंजाब और उत्तराखंड के बाद अब मणिपुर में भी विधानसभा चुनाव (Manipur Election 2022) की तारीख बदलने की मांग उठ गई है। ऑल मणिपुर क्रिश्चियन ऑर्गनाइजेशन (AMCO) ने चुनाव आयोग से चुनाव पोस्टपोन करने की मांग की है। आयोग से अपील की गई है कि 27 फरवरी को होने वाले पहले चरण के विधानसभा चुनाव को बदली जाए। क्योंकि रविवार का दिन समुदाय के प्रार्थना का दिन होता है और इस दिन वोटिंग होने से बड़ी संख्या में लोग मतदान केंद्र नहीं पहुंचेंगे।
धार्मिक भावना का ख्याल रखें
ऑल मणिपुर क्रिश्चियन ऑर्गनाइजेशन ने चुनाव आयोग से रविवार की बजाय हफ्ते में किसी भी दिन पहले फेज की वोटिंग कराने की अपील की। उन्होंने कहा कि हम चुनाव आयोग से ईसाईयों की धार्मिक भावना के प्रति एकजुटता और सम्मान दिखाने के लिए तारीख बदलने का अनुरोध करते हैं। अगर रविवार यानी 27 फरवरी को पहले चरण का मतदान हुआ, तो इससे ईसाइयों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचेगी।
परहेज कर सकते हैं मतदाता
AMCO की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि अगर रविवार को वोटिंग हुई तो बड़ी संख्या में मतदाता अपने मताधिकार का प्रयोग करने से परहेज कर सकते हैं। क्योंकि मतदान का दिन रविवार को पड़ता है, जिससे जानबूझकर लोगों के सार्वभौमिक मताधिकार का अधिकार छीन जाएगा। इससे उनमें नाराजगी भी बढ़ेंगी।
किसकी कितनी आबादी
मणिपुर की 60 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों में 27 फरवरी और 3 मार्च को मतदान होगा। 10 मार्च को नतीजे आएंगे। AMCO ने कहा कि मणिपुर के 30 लाख लोगों में ईसाई आबादी 41.29 फीसदी है, जिसमें से 41.39 फीसदी हिंदू और 8.40 फीसदी मुस्लिम समुदाय से हैं।
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