बहाल किए जाने के कुछ ही घंटों बाद कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट सेवा ‘अस्थायी’ रूप से बंद

कश्मीर घाटी में करीब छह महीने के बाद शनिवार को पहली बार कम गति की इंटनेट सेवा (टूजी) बहाल किए जाने के बाद शाम को उसे ‘‘अस्थायी रूप से’’ निलंबित कर दिया गया
 

Asianet News Hindi | Published : Jan 26, 2020 5:50 AM IST

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में करीब छह महीने के बाद शनिवार को पहली बार कम गति की इंटनेट सेवा (टूजी) बहाल किए जाने के बाद शाम को उसे ‘‘अस्थायी रूप से’’ निलंबित कर दिया गया। अधिकारियों ने बताया कि गणतंत्र दिवस समारोहों के बाद सेवाएं बहाल कर दी जाएंगी।

उल्लेखनीय है कि पांच अगस्त 2019 को जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने और राज्य का विभाजन कर उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांटने की घोषणा के बाद मोबाइल इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थीं।

एक अधिकारी ने कहा, ‘‘मोबाइल इंटरनेट सेवा गणतंत्र दिवस समारोहों से पहले आज शाम अस्थायी रूप से बंद कर दी गईं।’’उन्होंने बताया कि रविवार को घाटी में समारोह समाप्त हो जाने के बाद सेवा बहाल कर दी जाएगी। 

केवल 2G सेवा बहाल की गई थी

इससे पहले एक अधिकारी ने बताया था, ‘‘पूरी घाटी में मोबाइल इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई है। केवल टूजी सेवा बहाल की गई और सोशल मीडिया वेबसाइट रहित वेबसाइटों का ही इस्तेमाल किया जा सकेगा।’’ उन्होंने बताया कि जिन 301 वेबसाइटों के इस्तेमाल की अनुमति दी गई है वे बैंकिंग, शिक्षा, समाचार, यात्रा, जनोपयोगी सेवाएं और रोजगार से जुड़ी हैं।

इस बीच घाटी में उच्च गति ब्रॉडबैंड और लीज लाइन सेवाओं को बहाल करने के बारे में कुछ नहीं कहा गया है। अधिकारी ने शनिवार को कहा कि स्थिति का आकलन करने के बाद इस बारे में उचित समय पर फैसला लिया जाएगा।

पाबंदियों में ढील देने का यह ताजा कदम

उच्चतम न्यायालय द्वारा 10 जनवरी को जम्मू-कश्मीर में लागू पाबंदियों की एक हफ्ते में समीक्षा करने का निर्देश दिए जाने के बाद केंद्र शासित प्रदेश में पाबंदियों में ढील देने का यह ताजा कदम है। लोगों ने कश्मीर में मोबाइल इंटरनेट बहाल करने का स्वागत किया है लेकिन कई लोगों का कहना है कि गति कम होने से बहुत लाभ नहीं होगा।

श्रीनगर निवासी यावर नाजीर ने कहा, ‘‘इंटरनेट बहाल करना स्वागतयोग्य खबर है लेकिन 4जी और 5जी के युग में हम इसका क्या करेंगे? हम वेबसाइट नहीं खोल सकते क्योंकि उनके खुलने में घंटों लगता है।’’

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(फाइल फोटो)
 

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