एनआरसी: कर्नाटक में मस्जिदों ने मुसलमानों से अपने दस्तावेज दुरुस्त रखने को कहा

जामिया मस्जिद में तीन महीने पहले लोगों को उनके दस्तावेज तैयार रखने और गलतियों को सुधारने में मदद के लिए बेंगलुरू में जामिया मस्जिद में तीन महीने पहले एक 'नागरिक केंद्र' भी खोला गया 
 

बेंगलुरू: देश भर में राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लागू करने की संभावना को देखते हुए कर्नाटक में मस्जिदों ने मुस्लिमों को अपने दस्तावेज दुरुस्त रखने को कहा है। इमामों और मौलवियों ने मुस्लिमों से अपील की है कि अगर उनके दस्तावेज में कुछ भी गड़बड़ी है तो वे उसे ठीक करा लें। लोगों को उनके दस्तावेज तैयार रखने और गलतियों को सुधारने में मदद के लिए बेंगलुरू में जामिया मस्जिद में तीन महीने पहले एक 'नागरिक केंद्र' भी खोला गया था।

रिकॉर्ड पूरी तरह से दुरुस्त रखने की सलाह

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बेंगलुरू में जामिया मस्जिद के इमाम मकसूद इमरान ने बुधवार  मीडिया को बताया, ''भारत के हर नागरिक के लिए अपना दस्तावेज दुरुस्त कराना जरूरी है। इसे ही ध्यान में रखते हुए जामिया मस्जिद के माध्यम से यह प्रयास किया जा रहा है जिसमें हम मुस्लिमों को अपने रिकॉर्ड पूरी तरह से दुरुस्त रखने की सलाह देते हैं।''

उन्होंने कहा, ''हमने जामिया मस्जिद में 'नागरिक केंद्र' की भी स्थापना की है, जहां हम लोगों से कुछ दस्तावेज तैयार रखने और उनमें कोई गलती तो नहीं है, यह सुनिश्चित करने को कहते हैं।'' इमाम ने कहा कि कभी-कभी आधार, पैन कार्ड, मतदाता पहचान पत्र एवं अन्य दस्तावेजों में नाम में अंतर होता है। उन्होंने कहा कि इन गलतियों को सुधार लेना चाहिए नहीं तो भविष्य में समस्या हो सकती है।

हुकूमत के पास ज्यादा पैसे हैं तो खर्च करें

इमरान ने हालांकि दावा किया कि इस मुहिम का एनआरसी से कोई लेना-देना नहीं है क्योंकि दक्षिण भारत में घुसपैठ कोई मुद्दा नहीं है इसलिए एनआरसी को लेकर डरने या चिंतित होने की जरूरत नहीं है। इमाम ने कहा, ''एनआरसी कोई मुद्दा नहीं है। यह किसी रूप में हमें प्रभावित नहीं करेगा। हुकूमत के पास पैसे ज्यादा हैं तो खर्च करें।''

बस्वेश्वरनगर के रहने वाले मोहम्मद शहनाज ने भी इस बात की पुष्टि की कि इलाके की मस्जिद ने मुस्लिमों को अपने दस्तावेज तैयार रखने और कोई गलती होने पर उसे सुधारने को कहा है। झारखंड में दो दिसंबर को एक चुनावी रैली के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि उन्होंने समूचे देश में एनआरसी लागू करने के लिए अंतिम समय सीमा 2024 तय की है। उन्होंने कहा कि हर घुसपैठिए की पहचान होगी और अगले आम चुनाव से पहले उसे निकाल बाहर किया जाएगा।

हालांकि भाजपा शासित कर्नाटक के गृह मंत्री बसवराज बोम्मई ने राज्य में एनआरसी के पक्ष में अपने विचार रखे बोम्मई ने कहा कि वह इस संबंध में केंद्रीय गृह मंत्री से बात करेंगे।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)

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