संशोधित नागरिकता कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक तरक्की के बराबर के हिस्सेदार-भागीदार हैं और यह कानून नागरिकता देने के लिये है
नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून को लेकर जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शुक्रवार को कहा कि हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक तरक्की के बराबर के हिस्सेदार-भागीदार हैं और यह कानून नागरिकता देने के लिये है, छीनने के लिये नहीं, ऐसे में सभी को दुष्प्रचार से होशियार रहना चाहिए ।
केंद्रीय मंत्री ने मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन एवं केंद्रीय वक्फ कौंसिल की संयुक्त बैठक में यह बात कही। नकवी ने कहा, ''हमें "दुष्प्रचार के दानवों" से होशियार रहना चाहिए। संशोधित नागरिकता कानून, नागरिकता देने के लिए है, छीनने के लिए नहीं। हिंदुस्तान में अल्पसंख्यक तरक्की के बराबर के हिस्सेदार-भागीदार हैं। एनआरसी और संशोधित नागरिकता कानून को जोड़ कर देश को गुमराह करने के षड़यंत्र को परास्त करना है।''
उन्होंने कहा कि मौलाना आज़ाद एजुकेशन फाउंडेशन, केंद्रीय वक्फ़ कौंसिल के सदस्य, देश भर में शैक्षिक संस्थानों, धार्मिक प्रतिनिधियों, गैर-सरकारी संगठनों, आम लोगों से संपर्क-संवाद कर समाज के बड़े वर्ग में पैदा की जा रही "सियासी साजिश" से उत्पन्न गलतफ़हमी को दूर कर झूठ और दुष्प्रचार को बेनकाब करने का अभियान शुरू करेंगे।
नकवी ने कहा,''हमें ऐसी साज़िशों से पूरी तरह से होशियार रहना चाहिए जो समाज के सौहार्दपूर्ण ताने-बाने को अपने सियासी फायदे के लिए तार-तार करने पर उतारू हैं।''
उन्होंने कहा कि एनआरसी के नाम पर अराजकता फैलाने का प्रयास किया जा रहा है। नकवी ने कहा कि 1951 में असम में शुरू एनआरसी प्रक्रिया मात्र असम तक सीमित है जो अभी ख़त्म नहीं हुई है। सूची में जिनका नाम नहीं आया है वे पंचाट में और उसके बाद अदालतों में अपील कर सकते हैं। सरकार भी उनकी मदद कर रही है।
लोगों से शांति, सौहार्द बनाये रखने की अपील करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि देश में एकता एवं सौहार्द की ताकत ही हमें दुनिया में सम्मान दिलाती है। इस ताकत के ताने-बाने को किसी भी हाल में कमजोर नहीं होने देना है।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)