अनुसूचित आयोग ने टाली केरल में दलित बहनों से बलात्कार मामले की सुनवाई

2017 में तेरह और नौ साल की दो बहनों के शव मिले थे बड़ी बहन का शव 13 जनवरी 2017 को और छोटी बहन का शव इसके 52 दिन बाद मिला था पोस्टमार्टम रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न की बात कही गई थी
 

Asianet News Hindi | Published : Nov 22, 2019 2:53 PM IST / Updated: Nov 22 2019, 08:27 PM IST

नयी दिल्ली: राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग (एनसीएससी)ने केरल के पलक्कड़ जिले में दो नाबालिग दलित बच्चियों से बलात्कार और मौत मामले की सुनवाई को 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया है। आयोग के उपाध्यक्ष एल मुरूगन ने पीटीआई-भाषा से कहा कि मामला बृहस्पतिवार को सुनवाई के लिए आया था जिसे प्रशासनिक कारणों से 27 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

राजनीतिक पार्टियों और एनजीओ ने जताया रोष 

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आयोग बच्चियों के शवों का पोस्टमार्टम करने वाले डॉक्टरों से स्पष्टीकरण मांगने का फैसला कर चुका है। बच्चों का यौन अपराधों से संरक्षण (पोक्सो) अधिनियम से संबंधित मामले में विशेष अदालत पहले ही आरोपियों को बरी कर चुकी है। अदालत के फैसले को लेकर राजनीतिक पार्टियों और एनजीओ ने रोष जताया है और आरोप लगाया है कि केरल पुलिस ने आरोपियों की मदद के लिए जानबूझकर जांच में खामियां छोड़ी। इससे पहले 11 नवंबर को केरल के प्रधान सचिव (एससी/एसटी विकास) ए जयतिलक और अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) शेख दरवेश साहेब आयोग के सामने पेश हुए थे और कुछ दस्तावेज जमा कराए थे।

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