ऐसी लगी नशे की तलब कि चाकू मुंह में रखकर ऊपर से एक कटोरी पानी पी लिया...फिर डेढ़ महीने तक पेट पकड़कर चलता रहा

सनक या पागलपन में ज्वेलरी या लोहे की छोटी-मोटी चीजें गटक लेने की घटनाएं खूब सुनी होंगी, लेकिन यहां 28 साल के एक नशेड़ी ने लॉकडाउन में नशा नहीं मिलने पर 20 सेमी का चाकू एक कटोरी पानी के साथ निगल लिया। करीब डेढ़ महीने पहले उसने ऐसा किया। तब से लगातार उसके पेट में दर्द बना हुआ था। लेकिन हेकड़ी के चलते उसने यह बात किसी को नहीं बताई। लेकिन जब दर्द असहनीय हुआ, तब उसने घरवालों को अपनी करतूत बताई। जानिए फिर क्या हुआ...

Asianet News Hindi | Published : Jul 27, 2020 9:40 AM IST

नई दिल्ली. लॉकडाउन में 28 साल का एक शख्स नशा नहीं मिलने पर बौखला उठा। उसने हर जगह हाथ-पैर मारे। लेकिन उसे जब कुछ नहीं मिला..तो उसने सनक में 20 सेमी का चाकू ही गटक लिया। उसने किसी खाने की चीज की तर्ज पर चाकू मुंह में रखा और ऊपर से एक कटोरी पानी पी लिया। करीब डेढ़ महीने पहले उसने ऐसा किया। तब से लगातार उसके पेट में दर्द बना हुआ था। लेकिन नशेड़ी होने के चलते उसने यह बात किसी को नहीं बताई। लेकिन जब दर्द असहनीय हुआ, तब उसने घरवालों को अपनी करतूत बताई। जानिए फिर क्या हुआ...

डॉक्टर भी इस घटना से हुए हैरान....
डॉक्टरों के मुताबिक, चाकू लीवर में फंसा हुआ था। पेट में असहनीय दर्द और फीवर होने के बाद शख्स को एम्स में लाया गया था। डॉक्टरों के मुताबिक, उनके पास इस तरह का यह पहला केस आया है। एम्स के गेस्ट्रोसर्जरी विभाग के डॉ. निहार रंजन दास ने बताया कि हरियाणा के पलवल के रहने वाले इस शख्स को गांजे की लत थी। इससे वो साइकोसिस का शिकार हो गया था। यह एक मनोरोग है। इसमें शख्स वास्तविक और आभासी चीजों में फर्क नहीं कर पाता। इस शख्स को चाकू भी कोई खाने की वस्तु लगी होगी। इस अवस्था के बावजूद परिजनों ने उसका इलाज नहीं कराया। जब उसके पेट में दर्द हुआ, तब उसे सफदरगंज अस्पताल पहुंचा गया। वहां जब एक्स-रे किया, तो पेट में चाकू दिखा। इसके बाद उसे एम्स में रेफर किया गया।


बेहद कठिन थी सर्जरी..
शख्स को हफ्तेभर तक आब्जर्वेशन में रखने के बाद सर्जरी की गई। दरअसल, सीटी स्कैन आदि से भी यह पता नहीं चल पा रहा था कि चाकू ने लिवर को डैमेज किया है या नहीं। डैमेज की स्थिति में लिवर सर्जन की जरूरत पड़ सकती थी। इसलिए पूरी तैयारी रखी गई थी। चाकू फूड पाइप से होते हुए आमाशय तक पहुंच गया था। यहां से वो लिवर में चला गया। चाकू का आधा हिस्सा लिवर में फंसा हुआ था। डॉक्टरों के लिए यह सर्जरी बेहद कठिन थी। गनीमत रही कि सबकुछ बेहतर रहा।

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