बच्चे उसको टपू कहते हैं तो वह दौड़कर उनके पास आ जाता है। वह किसी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। जब छात्रों का लंच का समय होता है तो वह भी उनके साथ खाना खाने लगता है। जब कोई टीचर बच्चों को पढ़ाता हो तो वह चुपचाप वहां बैठा रहता है।
महुआ (गुजरात). मोर देश का राष्ट्रीय पक्षी है। जिसको अक्सर जंगल में ही देखा जाता है या फिर किसी चिढ़िया घर में। लेकिन गुजरात में एक ऐसा स्कूल है जहां एक मोर रोज घंटी वजते ही पाठशाला में पहुंच जाता है। जैसे स्कूल के बदं होने के टाइम होता है तो वह बच्चों के साथ वहां से निकल भी जाता है।
बच्चों उसको टपू कहकर पुकारते हैं
दरअसल, मोर रोज इसी तरह पिछले डेढ़ साल से लगातार स्कूल आ रहा है। वह बच्चों के बीच दस्तों की तरह खेलता भी है। बच्चों उसे प्यार से टपू कहकर बुलाते हैं। आसपास के लोग और टीचर उसको देख हैरान हैं। जो भी उसको एक बार देख ले वह यही कहता था कि ये लगता पिछले जन्म की अधूरी पढ़ाई पूरी करने के लिए स्कूल आता है।
बच्चों के साथ लंच भी करता है मोर
जैसे बच्चे उसको टपू कहते हैं तो वह दौड़कर उनके पास आ जाता है। वह किसी तरह से कोई नुकसान नहीं पहुंचाता है। जब छात्रों का लंच का समय होता है तो वह भी उनके साथ खाना खाने लगता है। जब कोई टीचर बच्चों को पढ़ाता हो तो वह चुपचाप वहां बैठा रहता है। दूर-दूर से लोग उसको देखने के लिए आते हैं।
टीचर उसके लिए लाते हैं अलग से लंच
स्कूल की टीचर रशीलाबेन चौधरी का कहना कि वह किसी कोई डिस्टर्ब नहीं करता है। हम उसके लिए मूंगफली के दाने और दूसरी चीजें खाने के लिए लेकर आते हैं। हमे उसको देखकर अच्छा लगता है। उसको इतने करीब से देखकर अब पता चाला कि उसे इसलिए देश का राष्ट्रीय पक्षी कहते हैं।