मां हीराबेन के 100वें जन्मदिन पर PM Modi इस मंदिर में करेंगे खास पूजा, 500 साल पुराना है इतिहास...जानिए खासियत

प्धारनमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की मां हीराबेन आज अपने 100वें साल में प्रवेश कर गईं। इस मौके पर मोदी एक दिन पहले ही गुजरात पहुंच चुके हैं। आज सुबह वह मां से मिलने पहुंचे और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया। मां के बर्थडे के मौके पर प्रधानमंत्री पावागढ़ में  मां काली के दर्शन कर पूजा-पाठ करेंगे

अहमदाबाद (गुजरात). प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मां हीराबा (हीराबेन) 18 जून को पूरे 100वें वर्ष में प्रवेश कर जाएंगी। आज उनका 100वां जन्मदिन है, जिसे मनाने और मां का आशीर्वाद लेने के लिए पीएम मोदी  गुजरात पहुंचे हैं। प्रधानमंत्री अपनी मां के जन्मदिन के अवसर पर शनिवार को पावागढ़ में  मां काली के दर्शन कर पूजा-पाठ करेंगे। इस दौरान वह मंदिर में ध्वजारोहण कर मां के स्वास्थ्य की मन्नत मागेंगे। जिस मंदिर में पीएम पूजा करने वाले हैं उसका इतिहास 500 साल पुराना है। आइए जानते हैं इस मंदिर के बारे में डिटेल में जानते हैं....

पीएम मोदी की इस मंदिर से खुद जुड़ी है आस्था
दरअसल, पीएम मोदी मां के जन्मदिन पर जिस पावागढ़ में पूजा-पाठ करने वाले हैं उस मंदिर से प्रधानमंत्री मोदी की भी आस्था जुड़ी हुई है। वह इस मंदिर में कई वार मां काली के दर्शन के लिए आ चुके हैं। अब सालों बाद मां के साथ शनिवार को यहां पूजा-अर्चना करने जाने वाले हैं।
जहां वह मां के स्वास्थ्य और उनकी लंबी उम्र के लिए दुआ मागेंगे।

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500 साल बाद मंदिर के शिखर पर होगा ध्वजारोहण 
बता दें कि जिस पावागढ़ मंदिर में मोदी पूजा करने जा रहे हैं, वहां पर आज  शिखर पर 500 साल बाद ध्वजारोहण किया जाएगा। मंदिर का  नवीनीकरण किया जा रहा है, मंदिर तक पहुंचने के लिए करीब  250 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं, तब कहीं जाकर मां काली के दर्शन होते हैं। हालाकि  श्रद्धालु रोप-वे का सहारा लेकर भी यहां तक पहुंच सकते हैं। बताया जा रहा है कि यहां लिफ़्ट लगाई जा रही है, ताकि दिव्यांग लोग भी मां काली की पूजा और दर्शन कर सकें। 

 मंदिर में 12 सोने के कलश और दो चांदी के द्वार
वहीं मंदिर के सेक्रेटरी अशोक पंड्या ने बताया कि  हमारी काली माता में आस्था है, लेकिन जो मंदिर का शिखर है वो खंडित है। इसकी वजह से शिखर के ऊपर हम ध्वजा नहीं चढ़ा सकते थे। लेकिन आज ऐसा सोभाग्य आया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यहां आएंगे और पावागढ़ शक्तिपीठ पर ध्वजा चढ़ाएंगे। मंदिर के गर्भगृह को स्वर्ण मंडित किया जा रहा है। मंदिर में 12 सोने के कलश और दो चांदी के द्वार हैं।

यहां सिर्फ मां की आखों के ही दर्शन होते हैं
वडोदरा से करीब 46 किमी दूर पावागढ़ एक पहाड़ पर स्थित है। यहां की एक ऊंची चोटी पर माता काली भव्य मंदिर है, जहां पर मां काली विराजमान हैं। बताया जाता है कि पावागढ़ शक्तिपीठ का इतिहास सैंकड़ों साल पुराना है। कई जानकारों का कहना है कि मां काली का ऐसा स्वरूप पूरे देश में कही नहीं है। यहां सिर्फ मां की आखों के ही दर्शन होते हैं।  मंदिर के सेक्रेटरी अशोक पंड्या के मुताबिक, कई सालों पहले पहले मुस्लिम शासक ने मंदिर का गुम्मट खंडित कर दिया था।
 

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