गुजरात में जहरीली शराब का कहर: अब तक 29 लोगों की मौत, 8 गांव में पसरा मातम...एक-करके आ रहीं लाशें

गुजरात के बोटाद जिले में जहरीली शराब पीकर मरने वालों का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है।  24 घंटे के दौरान अब तक 29 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 50 से ज्यादा लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं। बताया जाता है कि मरने वालों का आंकड़ा और बढ़ सकता है।

अहमदाबाद, कहने को तो गुजरात में शराबबंदी है, लेकिन बोटाद जिले में जहरीली शराब पीने से 29 लोगों की मौत हो गई है। वहीं कई लोगों की हालत गंभीर बनी हुई है। उनका अस्पताल में इलाज चल रहा है। राज्य सरकार से लेकर पुलिस-प्रशासन तक में हड़कंप मचा हुआ है। अब तक इस मामले में मुख्य आरोपी समेत 14 लोगों को गिरफ्तार किया चुका है। बताया जा रहा है कि अभी मरने वालों की संख्या और ज्यादा हो सकती है। क्योंकि जहरीली शराब पीने से 50 से ज्यादा लोगों का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

एक नहीं कई गांवों में पसरा मौत का मातम
दरअसल, एक दिन पहले सोमवार को रोजिद गांव में जहरीली शराब पीने से 8 लोगों की मौत की खबर सामने आई थी। लेकिन अब दूसरे दिन 21 और लोगों ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। इस जहरीली शराब के चलते रोजिंद के अलावा रेस, चौकड़ी, धंधुका, नभोई, रणपरी, पोलरपुर और चौरागा में मातम पसरा है। जहां पोस्टमॉर्टम के बाद ग्रामीणों की मदद से पुलिस ने अंतिम संस्कार करा दिया है।

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 जहरीली शराब कांड को बताया जा रहा केमिकल कांड
वहीं इस पूरे  जहरीली शराब कांड में पुलिस कुछ भी बोलने से बच रही है। इतना ही नहीं इस पूरे मामले को पुलिस ने केमिकल कांड करार दिया है। पुलिस का कहना है कि शुरूआती जांच में सामने आया है कि मृतक एक शराब भट्टी पर शराब पीने गए थे। लेकिन इन्हें शराब की जगह मेथेनॉल केमिकल दिया गया। जिसके चलते यह मौतें हुई हैं। स्थिति को देखते हुए पुलिस के बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।

विपक्ष के निशाने पर आई बीजेपी सरकार
बता दें कि इस बात पर सवाल खड़े हो रहें कि शराब कहां से आई और किन लोगों ने इनको पीने को दी। अब इस पूरे मामले पर सियासत भी गरमाने लगी है। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने इस कांड को लेकर गुजरात सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इतना ही नहीं पूर्व सीएम शंकर सिंह वाघेला ने शराबबंदी को खोखला बताते हुए उसे हटाने की मांग कर डाली है।

गुजरात में 1960 से ही शराबबंदी 
कहने को तो गुजरात में 1960 से ही शराबबंदी है। इतना ही नहीं पांच साल पहले 2017 में शराबबंदी से जुड़े नए कानून को लाकर राज्य सरकार ने और इसे कड़ा कर दिया था। इस नियम के अनुसार अगर कोई अवैध तरीके से शराब की बिक्री करता है, तो उसे 10 साल कैद और 5 लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान रखा था। लेकिन अब इस कांड के बाद से सरकार से लेकर प्रशासन पर सवाल खड़े होने लगे हैं।

 एक्शन में राज्य सरकार...24 घंटे में अफसर देंगे रिपोर्ट
इस पूरे मामले को लेकर राज्य सरकार एक्शन मोड में आ गई है। जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया है जो कि पिछले  24 घंटे में जहरीली शराब पर रिपोर्ट देगी। इस कमेटी में सीआईडी के अध्यक्ष सुभाष त्रिवेदी (आईपीएस), एम. ए. गांधी (आईएएस) और एच.पी. संघवी को भी शामिल किया गया है। वहीं बोटाद जिले के प्रभारी मंत्री वीनू मरोदिया ने कहा कि ये घटना दुखद और शर्मनाक है। हम इसकी जांच करेंगे कि शराबबंदी के बावजूद राज्य में शराब कैसे बिक रही है।
 

यह भी पढ़ें-गुजरात में जहरीली शराब पीने से 4 लोगों की मौत...कई की हालत गंभीर, प्रशासन में मचा हड़कंप
 

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