भारी सुरक्षा व्यवस्था और ड्रोन निगरानी के बीच भीम आर्मी के सदस्यों समेत इन प्रदर्शनकारियों ने जोरबाग के दरगाह शाह-ए-मरदान से अपना मार्च शुरू किया
नई दिल्ली: भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद की रिहाई की मांग तथा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ शुक्रवार को प्रधानमंत्री आवास की ओर अपने हाथ बांधकर जा रहे सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने रोक दिया।
भारी सुरक्षा व्यवस्था और ड्रोन निगरानी के बीच भीम आर्मी के सदस्यों समेत इन प्रदर्शनकारियों ने जोरबाग के दरगाह शाह-ए-मरदान से अपना मार्च शुरू किया। पुलिस ने उन्हें लोक कल्याण मार्ग स्थित प्रधानमंत्री आवास से पहले ही रोक दिया।
संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ
इस मार्च में हिस्सा ले रहे प्रदर्शनकारियों ने अपने हाथ बांध रखे थे ताकि उन पर इस प्रदर्शन के दौरान हिंसा एवं आगजनी के आरोप नहीं लगाए जा सके। इस दौरान प्रदर्शनकारी बाबासाहेब अंबेडकर और आजाद का पोस्टर लेकर 'तानाशही नहीं चलेगी' जैसे नारे लगा रहे थे।
प्रदर्शन में शामिल माजिद जमाल ने कहा, ''हमने अपने हाथ बांध रखे हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं ताकि वे हम पर हमला नहीं कर सकें और झूठ बोलें कि हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन नहीं कर रहे थे।'' राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष वजाहत हबीबुल्ला ने कहा कि नया कानून संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है।
भड़काऊ भाषण के आरोप में गिरफ्तार
उन्होंने कहा, ''बिना गलती के जिस तरह से उत्तर प्रदेश में लोगों को गिरफ्तार किया गया, सरकार को याद रखना चाहिए कि जिन सांसदों को हम चुनते हैं, वे जब आवाज नहीं उठाएंगे तो लोग अपनी आवाज उठाने खुद सड़कों पर उतरेंगे।''
चंद्रशेखर आजाद को पिछले शुक्रवार को पुरानी दिल्ली के दरियागंज में भड़काऊ भाषण से प्रदर्शनकारियों को उकसाने व हिंसा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)