राजकोट में शुक्रवार दोपहर शॉर्ट सर्किट से इलेक्ट्रिक रूम में लगी आग में दो मासूम जलकर मर गए। हादसे के वक्त उनके मम्मी-पापा काम पर गए थे। घर से आग की लपटें उठते देख लोगों ने फायर ब्रिगेड को सूचना दी। लेकिन जब तक आग बुझाई जाती, तब तक मासूम पूरी तरह जल चुके थे।
राजकोट, गुजरात. अपने दो मासूमों को इलेक्ट्रिक रूम में लॉक करके काम पर जाना एक नेपाली दम्पती के लिए जीवनभर का दर्द बन गया। शुक्रवार दोपहर शॉर्ट सर्किट से लगी आग से दोनों बच्चों की जलकर दर्दनाक मौत हो गई। घटना 150 फीट रिंग रोड स्थित समर्थ अपार्टमेंट में हुई। बच्चों के मां-बाप सिक्योरिटी गार्ड हैं।
घटना के वक्त कमरे में सो रहे थे बच्चे
शेरबहादुर चंद और उनकी पत्नी चांदनीबेन समर्थ अपार्टमेंट में चौकीदार करते हैं। वे दोनों रोज की तरह शुक्रवार दोपहर भी अपने दोनों बच्चों सृष्टि(साढ़े 5 साल) और लक्ष्मण(ढाई साल) को इलेक्ट्रिक रूम में सुलाकर काम पर निकल गए थे। वे अकसर बाहर से कमरे का ताला लगाकर जाते थे। चूंकि इलेक्ट्रिक रूम के बाहर वाहन पार्क होते हैं, इसलिए वे ताला लगाकर जाते थे, ताकि बच्चो वाहनों से दूर रहें। अचानक दोपहर 2 बजे शॉर्ट सर्किट से इलेक्ट्रिक रूम में आग लग गई। आग की लपटें देखकर लोगों ने फौरन फायर ब्रिगेड को कॉल किया। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया जा सका। लेकिन दोनों बच्चे तड़प-तड़पकर मर गए।
इलेक्ट्रिक रूम में दी थी रहने को जगह..
बताते हैं कि अपार्टमेंट में इस परिवार को इलेक्ट्रिक रूम में रहने की जगह दी गई थी। इस घटना ने सोसायटी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। वहीं दो मासूमों की मौत ने पूरे माहौल को गमगीन कर दिया। बच्चों के पिता और मां ने रोते हुए बताया कि वे पिछले 6 साल से राजकोट में रह रहे थे। एक जनवरी को वे वापस नेपाल लौटने वाले थे। इस अपार्टमेंट में वे कुछ महीनों से चौकीदार थे।