Uttarakhand Election 2022 : बसपा ने 37 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की जारी, देखिए किसे-किसे मिला टिकट

Published : Jan 18, 2022, 03:35 PM ISTUpdated : Jan 18, 2022, 04:22 PM IST
Uttarakhand Election 2022 : बसपा ने 37 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट की जारी, देखिए किसे-किसे मिला टिकट

सार

बसपा राज्य की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। पार्टी अब तक 44 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर चुकी है। पहली लिस्ट में 7 और दूसरी में 37 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं।

देहरादून : उत्तराखंड में होने वाले विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Election 2022) के लिए बहुजन समाज पार्टी (BSP) ने अपने 37 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी कर दी है। बसपा राज्य की सभी 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है। पार्टी अब तक 44 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर चुकी है। पहली लिस्ट में 7 और दूसरी में 37 प्रत्याशियों के नाम शामिल हैं। पहली लिस्ट में पार्टी ने हरिद्वार जनपद से 7 उम्मीदवार मैदान में उतारे हैं।


किसे कहां से टिकट
गंगोत्री से बुद्धिलाल
बदरीनाथ से मुकेश कोशवाल
थराली से गितेश कोशियाल
कर्णप्रयाग से भरत लाल शाह
केदारनाथ से प्रवीण प्रधान
रुद्रप्रयाग से दीपक आनंद
चकराता से भीष्म दत्त वर्मा
विकासनगर से अशोक सिंह
सहसपुर से योगराज
मसूरी से अशोक पंवार
जोईवाला से धीर सिंह बिष्ट
ऋषिकेश से बृजमोहन राजभर
ज्वालापुर से शीश पाल सिंह
भगवानपुर से सुबोध राकेश
झबरेड़ा से आदित्य ब्रजवाल
पिरान कलियर से सुरेंद्र सैनी
मंगलौर से सरवत करीम अंसारी
खानपुर से रविंद्र पनियाल
लक्सर से मो. शहजाद
हरिद्वार ग्रामीण से दर्शन लाल शर्मा
यमकेश्वर से जोगेंद्र भारती
पौड़ी से राकेश गौडशाली
श्रीनगर से उमेर अंसारी
चौबट्टाखाल से अर्जुन लाल
गंगोलीहाट से दिनेश कुमार
द्वाराहाट से अरंद बल्लभ सति
सोमेश्वर से जगदीश
जागेश्वर से नारायण राम
चंपावत से राकेश वर्मा
भीमताल से भुवन आर्य
रामनगर से हेम भट्ट
हल्द्वानी से जितेंद्र कुमार
कालाढूंगी से सुंदर आर्य
जसपुर से अजय अग्रवाल
काशीपुर से गगन कांबोज
गदरपुर से जशवंत सचौहान
सितारगंज से रविंद्र सिंह

राज्य में किंगमेकर रही है बसपा
बता दें कि उत्तराखंड में बसपा का मजबूत जनाधार रहा है। यही कारण है कि इस बार पार्टी ने यहां की सभी 70 सीटों पर अपने बूते चुनाव लड़ने की घोषणा की है। अनुसूचित जाति, जनजाति समुदाय और अल्पसंख्यक बसपा का मजबूत वोट बैंक रहा है। यही कारण रहा कि राज्य की सियासत में बसपा अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के साथ-साथ किंगमेकर की भूमिका भी अदा करती रही है। राज्य गठन के बाद शुरुआती तीन विधानसभा चुनाव में बसपा तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन 2017 में मोदी लहर में एक भी सीट नहीं जीत सकी और यह पहली बार था। यही वजह है कि 2022 के चुनाव में बीएसपी अपने खोए हुए सियासी जमीन को वापस लाने की कवायद में जुटी है।

पहले चुनाव में दिखा दमखम 
उत्तराखंड में पहला चुनाव 2002 में हुआ, जिसमें बीजेपी (BJP), कांग्रेस (Congress) और बसपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला हुआ। कांग्रेस 36 सीटों के साथ सरकार में आई तो बीजेपी ने 19 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं, बसपा को 7 सीट जीत कर तीसरे नंबर पर रही। 2002 में बसपा का वोट प्रतिशत 10.93 फीसदी रहा। 2007 के विधानसभा चुनाव में बसपा उत्तराखंड में बड़ी पार्टी के रूप में सामने आई। इस चुनावों में बसपा के 8 विधायक जीते और वोट प्रतिशत बढ़कर 11.76 फीसदी हुआ। हरिद्वार और उधम सिंह नगर की अधिकांश सीटों पर बसपा का दबदबा था। कई सीटें ऐसी थीं, जिन पर बसपा की हार का आंकड़ा 2000 से कम रहा। 

2012 में सरकार में शामिल
2012 के विधानसभा चुनाव में बसपा 3 विधायकों पर सिमट गई। हालांकि, बसपा का मत प्रतिशत बढ़कर 12.99 फीसदी पर पहुंच गया। बसपा के 2012 के चुनाव भले तीन ही विधायक थे, लेकिन इस बार बसपा ने किंग मेकर की भूमिका निभाई और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार में शामिल हुई थी। भगवानपुर से विधायक सुरेंद्र राकेश बसपा कोटे के कैबिनेट मंत्री भी बने। 

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