हरिद्वार धर्म संसद में विवादित भाषण देने वालों की बढ़ सकती हैं मुश्किलें, जांच के लिए बनाई गई पांच सदस्यीय SIT

इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जिनमें वसीम रिजवी, जिन्होंने पिछले महीने हिंदू धर्म अपनाने के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी नाम रख लिया है, साध्वी अन्नपूर्णा धर्मदास,संत सिंधु सागर और धर्म संसद के आयोजक एवं गाजियाबाद के डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिम्हानंद शामिल हैं।

Asianet News Hindi | Published : Jan 2, 2022 12:34 PM IST / Updated: Jan 02 2022, 06:18 PM IST

देहरादून : उत्तराखंड (Uttarakhand) के हरिद्वार (Haridwar) में आयोजित धर्म संसद में कथित तौर पर विवादित भाषणों की जांच होगी। मामले की जांच के लिए पांच सदस्यीय SIT बनाई गई है। गढ़वाल के DIG केएस नागन्याल ने इसकी जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि अगर जांच में किसी के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो उसकी गिरफ्तारी भी होगी। हमने SIT का गठन किया है। वह जांच करेगी। अगर इसमें शामिल लोगों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलते हैं, तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

इन पर मामला दर्ज
DIG केएस नागन्याल ने बताया कि इस मामले में पांच लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है जिनमें वसीम रिजवी, जिन्होंने पिछले महीने हिंदू धर्म अपनाने के बाद जितेंद्र नारायण त्यागी नाम रख लिया है, साध्वी अन्नपूर्णा धर्मदास,संत सिंधु सागर और धर्म संसद के आयोजक और गाजियाबाद के डासना मंदिर के मुख्य पुजारी यति नरसिम्हानंद शामिल हैं।

क्या है आरोप
दरअसल, हरिद्वार के खड़खड़ स्थित वेद निकेतन में 16 से 19 दिसंबर तक धर्मसंसद का आयोजन किया गया था। आरोप है कि इसमें कुछ लोगों ने हेट स्पीच दी थी और इसके बाद वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वहीं इस मामले में ज्वालापुर निवासी गुलबहार कुरैशी की शिकायत पर पुलिस ने यूपी शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी के खिलाफ धार्मिक उन्माद फैलाने का मामला दर्ज कराया था और वायरल वीडियो के तूल पकड़ने के बाद हरिद्वार कोतवाली पुलिस सक्रिय हो गई।

इन लोगों ने की कार्रवाई की मांग
इस मामले के तूल पकड़ने पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा के पूर्व पुलिस महानिदेशक विभूति नारायण राय और विकास नारायण राय सहित रिटायर्ड पुलिस अधिकारियों ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) को पत्र लिखकर कहा था कि इस तरह का संसद अलग-अलग धर्मों के शांतिपूर्ण सह अस्तित्व की उत्तराखंड की लंबी परंपरा पर काला धब्बा है।
मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी शुक्रवार को देहरादून और हरिद्वार में मार्च निकाला था और धर्म संसद में नफरत फैलाने वाला भाषण देने वालों की गिरफ्तारी की मांग की थी।

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