गुजरात के वड़ोदरा जिले से बच्चों की पहल की शानदार कहानी सामने आई है। जिसे हर कोई सलाम कर रहा है। क्योंकि इन बच्चों ने पक्षियों के लिए एक कचरे से पटी झील को बड़े पैमाने पर सफाई कर जलाशय में बदल दिया है। तीन साल पहले यह ऐसी जगह बन चुकी थी, जहां स्थानीय लोग जाने से बचते थे, क्योंकि यहां पर तेज दुर्गंध आती थी। लेकिन अब यहां आकर हर कोई समय बिताता है।
वडोदरा (गुजरात). कभी जो काम सरकारें और बड़े-बुजुर्ग नहीं कर पाते हैं वो छोटे बच्चे कर जाते हैं। गुजरात के वड़ोदरा जिले से बच्चों की पहल की शानदार कहानी सामने आई है। जिसे हर कोई सलाम कर रहा है। क्योंकि इन बच्चों ने पक्षियों के लिए एक कचरे से पटी झील को बड़े पैमाने पर सफाई कर जलाशय में बदल दिया है। तीन साल पहले यह ऐसी जगह बन चुकी थी, जहां स्थानीय लोग जाने से बचते थे, क्योंकि यहां पर तेज दुर्गंध आती थी। लेकिन अब यहां आकर हर कोई समय बिताता है और सेल्फी लेता है।
कभी यहां दूर भागते थे लोग..अब यहां आकर लेते हैं सेल्फी
दरअसल, बच्चों की पहल का यह शानदार नजारा वडोदरा जिले के भयाली गांव का है। जहां एक पानी की झील को लोग कचरा और प्लास्टिक को डंप करने के लिए करते थे। यानि उन्होंने कचरा घर बनाकर रखा हुआ था। कभी यह झील पक्षियों का आशियाना हुआ करता था, गंदगी होने के कारण अब यहां इंसान तक पास नहीं जाते थे। लेकिन बच्चों द्वारा किए गए प्रयासों और कड़ी मेहनत के कारण, पिछले दो वर्षों में झील में एक बड़ा परिवर्तन आया है। अब यह साफ-सुथरा एक विशाल जलाशय बन गया। जहां पर फिर से पक्षियों ने झील में बसना शुरू कर दिया है।
बच्चों की पहल से यहां पक्षियों की गूंज सुनाई देने लगी
बच्चों के द्वारा चलाए गए इस सफाई अभियान पर उनको धन्यवाद देने के लिए ग्रामीणों ने आज बुधवार को झील किनारे विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाने का फैसला किया है। जहां पर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित होंगे और डांस भी होगा। सामजसेवी हितार्थ पंड्या ने कहा-बच्चों की इस शानदार पहल के चलते ग्रमीणों में भी जागरुकता आई और उन्होंने उनकी मदद की है। बच्चों के प्रयास के चलते ही यहां फिर से पक्षियों की गूंज सुनाई देने लगी है। इसलिए लिए आज इनको सम्मानित किया जाएगा।
बच्चों ने कही दिल छू जाने वाली बात
वहीं भायली गांव के रहने वाले 11 वर्षीय हर्षिल वांकर ने कहा-आज के कार्यक्र में हम बच्चे पक्षियों की ओर से गाएंगे जो इन बच्चों द्वारा किए गए प्रयासों और कड़ी मेहनत के लिए समर्पित होगा। साथ ही लोगों से विनती भी करेंगे कि वह प्रकृति के साथ छेड़छाड़ नहीं करें। झील में एक बड़ा परिवर्तन आया है, हमने हमेशा प्रकृति के सभी तत्वों की पूजा की है। इसलिए, एक पूजा का आयोजन भी किया गया है, जिसमें हर कोई झील के किनारे प्रार्थना करेगा।