नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाली मीनाक्षी मुखर्जी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से है, जो कि माकपा के युवा संगठन डीवीएफआइ की अध्यक्ष हैं। वह एक छोटे से गांव चलबलपूर की रहने वाली है। उसने बचपन से अपने पिता की राजनीति को देखा है।
कोलकाता. इस बार पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव का मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया। एक तरफ जहां राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तीसरी बार सत्ता में आने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। दूसरी तरफ भाजपा ने कई केंद्रीय मंत्रियों को बंगाल में उतारक मुकाबले के कांटे का बना दिया है। इन चुनावों में सबसे ज्यादा चर्चा में नंदीग्राम विधानसभा सीट है, जहां से सीएम ममता के सामने कभी उनके खास और सलाहकार रहे सुवेंदु अधिकारी सामने हैं। वहीं टीएमसी और बीजेपी का खेल बिगाड़ने के लिए माकापा से मीनाक्षी मुखर्जी चुनाव लड़ने जा रही हैं। जिसके चलते यहां टक्कर का मुकाबला देखने को मिल सकता है। आइए जानते हैं ममता और सुवेंदु को टक्कर देने वाली यह लड़की मीनाक्षी...
युवा संगठन डीवीएफआइ की अध्यक्ष मीनाक्षी मुखर्जी
दरअसल, नंदीग्राम विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने वाली मीनाक्षी मुखर्जी मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी से है, जो कि माकपा के युवा संगठन डीवीएफआइ की अध्यक्ष हैं। वह एक छोटे से गांव चलबलपूर की रहने वाली है। उसने बचपन से अपने पिता की राजनीति को देखा है। लोकल लोगों के साथ हमेशा खड़े रहते हुए धीरे-धीरे जीला स्तर फिर राज्य स्तर पर अपने आप को प्रमाणित किया। उसने राजनीति में आने के लिए कुल्टी कॉलेज से अपनी नौकरी छोड़कर आई है।
यहां से स्कूल और कॉलेज की है पढ़ाई
मीनाक्षी मुखर्जी ने अपनी स्कूली पढ़ाई चलबलपूर जलधी देवी विधालय बेलरूई हाई स्कूल से की है। जबकि बी.बी कालेज से ग्रेजुएशन (आसनसोल) किया है। वहीं पोस्ट ग्रेजुएशन बर्दवान यूनिवर्सिट, Bed दुर्गापूर से की है।
कभी भाकपा का गढ़ हुआ करता था नंदीग्राम
नंदीग्राम पर 1952 से भाकपा अपना उम्मीदवार खड़ा करती आई है। एक समय नंदीग्राम भाकपा का गढ़ हुआ करता था। 2009 के उपचुनाव से पहले तक तृणमूल वहां कभी नहीं जीती थी। अब इस सीट पर सबकी नजरें हैं आखिर कौन इस बार बाजी मारता है।