कश्मीर में क्यों उठ रही है 4G इंटरनेट की मांग, जानकर आप भी कहेंगे जल्दी शुरू करे सरकार

श्रीनगर के महापौर जुनैद मट्टू और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती समेत कई लोग वायरस के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए सेवाएं बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं। 

Asianet News Hindi | Published : Mar 19, 2020 2:35 PM IST

श्रीनगर. घाटी में कोरोना वायरस का पहला मामला सामने आने के बाद जम्मू कश्मीर में मोबाइल फोन पर 4जी इंटरनेट सेवाएं बहाल किए जाने की मांग जोर पकड़ रही है।

जागरूकता पैदा करने के लिए 4जी सेवाएं बहाल करने की मांग

श्रीनगर के महापौर जुनैद मट्टू और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती समेत कई लोग वायरस के बारे में जागरुकता पैदा करने के लिए सेवाएं बहाल किए जाने की मांग कर रहे हैं। इल्तिजा ने अपनी मां के टि्वटर हैंडल पर लिखा, ‘‘दुनिया कोरोना वायरस से लड़ रही है लेकिन जम्मू कश्मीर प्रशासन अब भी कठोर बना हुआ है और 4जी पर लगा अमानवीय प्रतिबंध हटाने से इनकार कर रहा है। कोविड वैश्विक महामारी के समय में इंटरनेट और सूचना तक पहुंच एक सुविधा नहीं, आवश्यकता है। क्या कश्मीरियों का जीवन इतना सस्ता है?’’

26 मार्च तक 2जी इंटरनेट जारी रखने के हैं आदेश

सरकार ने अपने हालिया आदेश में कहा था कि देश की ‘‘संप्रभुता एवं अखंडता के हित में’’ केंद्रशासित प्रदेश में 26 मार्च तक कम गति के इंटरनेट की सेवा जारी रहेगी। श्रीनगर के महापौर ने भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर जम्मू-कश्मीर में 4जी इंटरनेट सेवाएं बहाल किए जाने का अनुरोध किया है ताकि वायरस से निपटने में मदद मिल सके। कश्मीर प्रेस क्लब के अध्यक्ष शुजा उल हक ने भी कहा, ‘‘जम्मू कश्मीर में प्रशासन को यह समझना चाहिए कि इस समय उच्च गति वाली इंटरनेट सेवा की कितनी आवश्यकता है। लोगों को समय पर सूचना मिलना जरूरी है ताकि वे कोरोना वायरस के खिलाफ तैयार हो सकें।’’

लोगों ने इस मामले पर PM  से हस्तक्षेप करने की अपील की

कश्मीर में आम लोगों का भी ऐसा ही मानना है। कश्मीर निवासी वानी शाहिद और सरदार नासिर अली खान ने कहा कि कश्मीर में कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच घाटी में 4जी सेवाएं बहाल करने की बहुत जरूरत है। कश्मीर के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। कई ट्विटर यूजर्स ने वायरस को लेकर जागरुकता फैलाने के लिए सोशल मीडिया पर वीडियो पोस्ट करने को लेकर प्राधिकारियों की आलोचना की।

एक यूजर अनीस भट ने लिखा, ‘‘कश्मीर में प्राधिकारी महामारी के संबंध में वीडियो पोस्ट कर रहे हैं जबकि वे दूसरी ओर इंटरनेट पर प्रतिबंध लगा रहे है।’’ एक छात्र नईम डार ने कहा कि इंटरनेट गति पर प्रतिबंध के कारण छात्र सर्वाधिक प्रभावित हो रहे हैं।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)

(प्रतीकात्मक फोटो)
 

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