नवांशहर में एक लापरवाही कइयों की जिंदगी पर भारी पड़ गई है। यहां 18 मार्च को 70 साल के बलदेव सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी। नवांशहर के पठलावा का रहने वाला बलदेव जर्मनी से वाया इटली इंडिया लौटा था।
चंडीगढ़, पंजाब. नवांशहर में एक लापरवाही कइयों की जिंदगी पर भारी पड़ गई है। यहां 18 मार्च को 70 साल के बलदेव सिंह की कोरोना से मौत हो गई थी। नवांशहर के पठलावा का रहने वाला बलदेव जर्मनी से वाया इटली इंडिया लौटा था। उसके संपर्क में करीब 100 लोग आए थे। इन सभी के टेस्ट लिए गए थे। इनमें 23 संक्रमित निकले।
लॉक डाउन का उल्लंघन कर रहे लोग
कोरोना वायरस की अभी तक कोई दवा मार्केट में सामने नहीं आई है। इसे रोकने का सिर्फ एक ही उपाय है-सोशल डिस्टेंसिंग। सरकार और विशेषज्ञ लगातार लोगों से घरों में रहने को बोल रहे हैं। देश में 21 दिनों का लॉक डाउन किया गया है। कई प्रदेशों में कर्फ्यू लगाया गया है, ताकि लोगों को बाहर निकलने से रोका जा सके। पुलिस सख्ती दिखा रही है, बावजूद कुछ लोग कोरोना को हल्के में ले रहे हैं। यह लापरवाही सिर्फ एक कोरोना मरीज के लिए नहीं, बल्कि उसके संपर्क में आने वाले सैकड़ों लोगों की जिंदगी भी भारी पड़ सकती है। पंजाब में संक्रमित लोगों की संख्या 724 पहुंच गई है।
15 गांवों को करना पड़ा सील..
बलदेव सिंह 6 दिनों तक करीब 100 लोगों के संपर्क में रहा। इस दौरान उसने 23 लोगों को संक्रमित कर दिया। इसके बाद 15 गांवों को सील कर दिया गया है। ज्यादातर बलदेव के रिश्तेदार हैं।
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