
अमृतसर. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के पब्लिकेशन विभाग के रिकॉर्ड से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 328 पावन स्वरूपों के लापता होने से आक्रोश फैल गया है। इस मुद्दे पर SGPC पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शनिवार को शिरोमणि अकाली दल टकसाली के नेता और अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार रणजीत सिंह अपने समर्थकों के साथ स्वर्ण मंदिर में धरने पर बैठ गए। उनकी मांग है कि गायब स्वरूपों का पता लगाकर आरोपियो को कड़ा दिलवाई जाए।
ऐसे बिगड़ा माहौल..
यह मामला तब सुर्खियों में आया था, जब रणजीत सिंह ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान गोबिंद सिंह लोंगोवाल और अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह को पत्र लिखा था। इसमें 7 नवंबर को सिख संगत के सामने पेश होने के लिए कहा गया था। रणजीत सिंह ने लिखा था कि अगर ऐसा नहीं हुआ, तो वे पावन स्वरूपों से संबंधित सभी सबूत जगजाहिर कर देंगे। रणजीत सिंह का आरोप कि एसजीपीसी जांच कमेटी की रिपोर्ट सबके सामने आना चाहिए।
राम रहीम के बाद हुआ था विवाद
बता दें कि मई 2016 में अमृतसर के गुरुद्वारा श्री रामसर साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 267 पावन स्वरूप लापता होने का मामला सामने आया था। पंजाब मानव अधिकार संगठन का आरोप था कि 2015 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को माफी देने के बाद प्रदेशभर में हुए प्रदर्शनों से तत्कालीन सरकार पर उंगुलियां उठी थीं। इसके बाद ही ये पावन स्वरूप गायब हुए थे। ऐसे मामले में पुलिस की मदद ली जानी चाहिए थी, लेकिन मामला दबा दिया गया। इस मामले की जांच के लिए अकाल तख्त की तरफ से विशेष कमेटी तैयार की गई थी। कमेटी की 1000 पन्नों की जांच रिपोर्ट में पावन स्वरूपों के गायब होने की बात सामने आई थी।
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