किसानों ने मंगलवार को केंद्र द्वारा गेहूं की फसल के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह बढ़ी हुई इनपुट लागत और एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों से काफी कम है
लुधियाना (Punjab). किसानों ने मंगलवार को केंद्र द्वारा गेहूं की फसल के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह बढ़ी हुई इनपुट लागत और एमएस स्वामीनाथन रिपोर्ट की सिफारिशों से काफी कम है। केंद्र ने मंगलवार को गेहूं 2023-24 के लिए 2,125 रुपये प्रति क्विंटल एमएसपी की घोषणा किया है।
भारती किसान यूनियन (डकौंडा) के जनरल एस जगमोहन सिंह ने कहा कि यह बढ़ोतरी कुछ भी नहीं है जब कृषि आनाजों की लागत आसमान छू गई है। स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के अनुसार, गेहूं का एमएसपी C2 + 50% फॉर्मूला के अनुसार होना चाहिए था, उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य रबी फसलों की दरें भी, जो एक अच्छा विकल्प हो सकती हैं। C2 +50 का अर्थ है कि फसल की कुल लागत और उस पर लाभ 50% हो।
40 फीसदी कम है MSP मूल्य- सुखदेव सिंह
पंजाब के सबसे बड़े कृषि संघ बीकेयू उग्राहन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा कि स्वामीनाथन फार्मूले की सिफारिश के अनुसार गेहूं का एमएसपी लगभग 40% कम है और हम इसे मामूली वृद्धि कहते हैं, जिससे कोई वास्तविक लाभ नहीं मिलने वाला है। उन्होंने कहा कि सरकार 'व्यापक लागत' शब्द का दुरुपयोग कर रही है।