केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में मेयर पद पर आम आदमी पार्टी (AAP) का कब्जा होता है या बीजेपी फिर से बाजी मारती है? इसकी वोटिंग दिलचस्प होने वाली है, क्योंकि कांग्रेस और अकाली दल ने मेयर के चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। ऐसे में आप और बीजेपी आमने-सामने होंगे और सदन में आप के 14 पार्षद हैं।
चंडीगढ़। चंडीगढ़ नगर निगम (Chandigarh Municipal Corporation) का चुनाव पिछले 15 दिन से लगातार सुर्खियों में है। शनिवार को चुनावी उठापटक और सुर्खियों पर विराम लग जाएगा। आज (8 जनवरी) चंडीगढ़ को नया मेयर (Chandigarh Mayor) मिल जाएगा। पंजाब चुनाव से पहले इस चुनाव पर हर किसी की निगाहें लगी हैं। शनिवार को मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव होगा। इस चुनाव में कांग्रेस और शिअद सिर्फ दर्शक की भूमिका में रहेंगे। दोनों दलों के पार्षद वोटिंग नहीं करेंगे। दोनों पार्टियों ने चुनाव से दूर रहने का फैसला लिया है।
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ की म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में मेयर पद पर आम आदमी पार्टी (AAP) का कब्जा होता है या बीजेपी फिर से बाजी मारती है? इसकी वोटिंग दिलचस्प होने वाली है, क्योंकि कांग्रेस और अकाली दल ने मेयर के चुनाव में हिस्सा लेने से इनकार कर दिया है। ऐसे में आप और बीजेपी आमने-सामने होंगे और 35 सदस्यों के सदन में आप के 14 पार्षद हैं। जबकि अपने 13 पार्षद और एक सांसद (किरण खेर) का वोट मिलाकर बीजेपी के भी 14 वोट होते हैं। मेयर के चुनाव के लिए 19 वोट चाहिए। ऐसे में ना तो बीजेपी और ना ही आप के पास संख्याबल है। हालांकि, दोनों दलों को अब तोड़फोड़ का सहारा है और इस खेल में बाजी कौन मारेगा, ये थोड़ी देर बाद साफ हो जाएगा। अगर मुकाबला बराबरी का होता है और बिना कोई अतिरिक्त वोट मिलता तो मेयर का चुनाव पर्ची के जरिए होगा।
भाजपा और आप ये मेयर प्रत्याशी
भाजपा ने पूर्व पार्षद जगतार सिंह जग्गा की पत्नी सरबजीत कौर को मेयर पद का उम्मीदवार बनाया है। वहीं, आप ने अंजू कत्याल को मेयर पद का प्रत्याशी बनाया है। शुरू में आप ने भाजपा पर पार्षद खरीदने के आरोप लगाए थे। उसके बाद कांग्रेस ने आरोप लगाए। बाद में भाजपा ने भी ऐसे ही आरोप लगाए थे। एक जनवरी को सभी नए 35 पार्षद शपथ भी ले चुके हैं।
अपने पार्षदों को सुरक्षित स्थान पर रखे थे राजनीतिक दल
फिलहाल, एक दिन पहले शुक्रवार को बीजेपी, आप और कांग्रेस ने अपने पार्षदों को टूटने से रोकने के लिए परेड कराई। आप तो अपने पार्षदों को दिल्ली भी ले गई थी और वहां सीसीटीवी की निगरानी में रखा था। बीजेपी पहले अपने पार्षदों को कसौली और फिर शिमला लेकर गई थी। कांग्रेस अपने पार्षदों को लेकर राजस्थान गई थी। मेयर के अलावा, सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर भी चुने जाने हैं। माना जा रहा है कि गुप्त मतदान के जरिए सारी प्रक्रिया पूरी की जाएगी। चंडीगढ़ म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में मेयर एक साल के लिए ही होता है। अगले साल फिर इस पद पर चुनाव कराया जाएगा।
चुनाव जीतना और बहुमत हासिल करना बड़ी चुनौती
कॉर्पोरेशन चुनाव में 14 पर आप, 13 पर बीजेपी, 8 पर कांग्रेस और 1 सीट पर अकाली दल जीती थी। कांग्रेस से निकाले जाने के बाद देवेंद्र सिंह बबला अपनी नवनिर्वाचित पार्षद पत्नी हरप्रीत कौर बबला के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं। इससे कांग्रेस के महज 7 पार्षद रह गए। ऐसे में कांग्रेस और अकालियों ने मेयर चुनाव में हिस्सा ना लेने का फैसला किया है। मेयर चुनाव के अलावा भी बीजेपी और आप को सदन में बहुमत भी हासिल करना जरूरी होगा, क्योंकि विकास कार्यों के प्रस्ताव पास कराने के लिए बहुमत की जरूरत होगी।