केसी वेणुगोपाल ने कैप्टन अमरिंदर को बताया अवसरवादी, कहा- कांग्रेस ने उन्हें सब कुछ दिया, BJP में कैसे चले गए?

पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच, राज्य में सत्ता का उलटफेर हुआ और कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटना पड़ गया। इसके बाद चरणजीत सिंह को पार्टी ने मुख्यमंत्री बना दिया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कैप्टन कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मैदान में कूदने का मूड बनाकर उतर चुके हैं। उन्होंने नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) बना ली और भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन का फार्मूला भी तैयार कर लिया है।

Asianet News Hindi | Published : Dec 18, 2021 9:21 AM IST

चंडीगढ़। कांग्रेस (Congress) के राष्ट्रीय महासचिव केसी वेणुगोपाल (KC Venugopal) ने पंजाब (Punjab) के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Capt Amarinder Singh) पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कैप्टन का नाम लिए बिना भाजपा (BJP) से गठबंधन करने पर कहा कि कांग्रेस ने उन्हें सब कुछ दिया, वह बीजेपी में कैसे शामिल हो सकते हैं? यह तो अवसरवाद है। वेणुगोपाल ने ये भी कहा कि पंजाब में कांग्रेस की सरकार बनेगी। लोकतंत्र में सभी को बोलने का अधिकार है लेकिन नतीजों के बाद क्या होता है, यह आपको पता होगा। 

दरअसल, पंजाब में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। इस बीच, राज्य में सत्ता का उलटफेर हुआ और कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीएम पद से हटना पड़ गया। इसके बाद चरणजीत सिंह को पार्टी ने मुख्यमंत्री बना दिया। इस पूरे घटनाक्रम के बाद कैप्टन कांग्रेस के खिलाफ चुनावी मैदान में कूदने का मूड बनाकर उतर चुके हैं। उन्होंने नई पार्टी पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) बना ली और भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन का फार्मूला भी तैयार कर लिया है। कैप्टन की किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों में अच्छी पकड़ मानी जाती है, ऐसे में कांग्रेस की टेंशन बढ़ गई है। 

किसानों को लेकर चिंतित है भाजपा
सूत्रों की मानें तो कैप्टन का पूरा जोर है कि वह 2022 के चुनाव में कांग्रेस को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएं। इस चुनाव में कैप्टन भाजपा और शिरोमणि अकाली दल (संयुक्त) के साथ चुनाव मैदान में उतरने की घोषणा कर चुके हैं। इधर, तीनों कृषि कानूनों की वापसी के फैसले के बाद भी भाजपा किसानों को लेकर चिंतित है। चूंकि, भाजपा अब किसानों के विरोध को झेलना नहीं चाहती। ऐसे में पार्टी के नेता फूंक-फूंककर कदम रख रहे हैं। यही वजह है कि किसानों को लेकर भाजपा के नेता कोई भी बयान देने से बच रहे हैं। 

भाजपा को शहरी क्षेत्रों में वोट बैंक संभालने की चुनौती
भाजपा को पंजाब में शहरी क्षेत्रों में सक्रियता बढ़ाकर वोट बैंक संभालने की चुनौती है। फिलहाल, जल्द ही भाजपा और पीएलसी सीट शेयरिंग को ऐलान करने का दावा कर रहे हैं। 2017 के पंजाब विधानसभा में पंजाब की 117 सीटों में से कांग्रेस ने 77 सीटों जीतीं थी। इनमें 40 ग्रामीण इलाकों से थीं। इन सीटों पर सिख समुदाय ज्यादा प्रभावशाली है।  

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