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Year Ender 2021: कांग्रेस के लिए भारी रहा यह साल, इन दिग्गजों ने पार्टी को छोड़ा, कोई था सीएम तो कोई मिनिस्टर

चंडीगढ़ : साल 2021 को हम जल्द ही अलविदा कहने वाले हैं और नए साल 2022 के स्वागत को तैयार है। ये साल 2021 राजनीति जगत के लिए काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा है। इस साल सियासी पिच पर बड़े उलटफेर हुए। कई धुरंधर नेताओं ने अपनी पार्टी को अलविदा कह दिया। इन दिग्गज नेताओं के इस्तीफे से जहां राजनीतिक गलियारों में हलचल मची तो पार्टी की अदला-बदली कर इन्होंने बड़े बदलाव की ओर लोगों का ध्यान खींचा। वहीं कुछ नेताओं ने अपना अलग ही रास्ता चुना। पाला बदलने वाले ज्यादातर कांग्रेस के नेता शामिल रहे। आइए जानते हैं उन 10 बड़े नेताओं के बारें में, जिन्होंने इस साल अपनी पार्टी  से किनारा कर लिया.. 

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Asianet News Hindi
Published : Dec 16 2021, 10:21 AM IST
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अमरिंदर सिंह
पंजाब (Punjab) के धुरंधर नेता और अपनी कूटनीति से बड़ों-बड़ों को मात देने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह (amarinder singh) ने 18 सितंबर 2021 को पंजाब मुख्यमंत्री पद से अचानक इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा 18 सितंबर 2021 शनिवार को राज्यपाल को सौंपा था। 2 नवंबर 2021 को कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा कि सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के बच्चों राहुल गांधी (Rahul Gandhi) और प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के आचरण से आहत होकर उन्होंने कांग्रेससे इस्तीफा दिया। बहरहाल कैप्टन ने 'पंजाब लोक कांग्रेस' नाम से अपनी पार्टी गठित कर लोगों की उन अटकलों को खारिज कर दिया कि वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं।

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जितिन प्रसाद
साल 2021 में इस्तीफों के संकट से जूझ रही कांग्रेस (congress) को उस वक्त एक बड़ा झटका लगा, जब 9 जून 2021 यूपी में कांग्रेस के युवा और कद्दावर नेता जितिन प्रसाद (Jitin Prasad) ने बीजेपी का दामन थाम लिया। बीजेपी में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस से मेरा संबंध तीन पीढ़ियों का रहा है, लेकिन मैंने पिछले 8-10 सालों में ये महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो भाजपा है, बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए मगर राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो भाजपा है।

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कन्हैया कुमार
34 साल के फायर ब्रांड नेता कन्हैया कुमार ( Kanhaiya Kumar) JNU छात्र संघ के अध्यक्ष थे। 2016 जेएनयू में छात्रों के आंदोलन और उसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के खिलाफ धुंआधार भाषणों से देश भर में चर्चा केंद्र में आ गए थे। कन्हैया कुमार, उमर खालिद समेत कई अन्य छात्र नेताओं के पर देशविरोधी नारे लगाने के आरोप लगाए गए थे। हालांकि बाद में कन्हैया कुमार को अंतरिम जमानत पर छोड़ दिया गया था। 2019 में कन्हैया कुमार ने बिहार (Bihar) की बेगूसराय सीट से बीजेपी नेता गिरिराज सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ा। हालांकि CPI के टिकट पर लड़ रहे कन्हैया हार गए। 28 सितंबर 2021 को कन्हैया कुमार कांग्रेस में शामिल हो गए।

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अदिति सिंह
अदिति सिंह (Aditi Singh) ने कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी राजनीति शुरू की थी। साल 2017 में वह रायबरेली सदर से विधायक चुनी गई थीं। नवंबर 2021 में उन्होंने कांग्रेस छोड़ बीजेपी का दामन थाम लिया। अदिति बाहुबली अखिलेश सिंह की बेटी हैं। रायबरेली में उनके परिवार की काफी लोकप्रियता है। अदिति, कांग्रेस के टिकट पर रायबरेली सदर से 2017 में चुनाव जीतीं और विधायक बन गईं। इसके पहले इस सीट पर 1993 से 2017 तक उनके पिता अखिलेश सिंह का कब्जा था। साल 2019 में अखिलेश सिंह का निधन हो गया। पिता के निधन पर शोक जताने के लिए मुख्यमंत्री आदित्यनाथ भी रायबरेली स्थित उनके आवास पर गए थे। माना जाता है कि तभी से अदिति का झुकाव भाजपा की और बढ़ने लगा और वे बीजेपी में अपना भविष्य देखने लगीं।

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सुष्मिता देव
कांग्रेस की सुष्मिता देव (Sushmita Dev) असम के सिलचर से सांसद रही थीं। वह महिला कांग्रेस की प्रेसीडेंट भी थीं।  सुष्मिता देव ने 15 अगस्त 2021 को सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा देने के बाद TMC की सदस्यता ले ली थी। कांग्रेस में रहते हुए असम के कई मुद्दों पर सुष्मिता देव ने पार्टी में अपना विरोध दर्ज कराया था। जानकारी मिली थी कि उनकी लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटों में टिकट के बंटवारे तक पर उनकी राय नहीं ली गई थी।

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कीर्ति आजाद
1983 में क्रिकेट वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे कीर्ति आजाद (Kirti Azad) ने 23 नवंबर 2021 में एक बार फिर पार्टी बदल ली। उन्होंने ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा। करीब 26 साल तक बीजेपी (BJP) में रहने के बाद कीर्ति आजाद 2019 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कांग्रेस में लगातार साइडलाइन चल रहे कीर्ति आजाद TMC में शामिल हो गए।

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पीसी चाको
केरल (Kerala) में विधानसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको (PC Chacko) ने पार्टी छोड़ दी है। टिकट बंटवारे पर असंतोष जाहिर करते हुए पीसी चाको ने 10 मार्च 2021 को अपना इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया था। पीसी चाको चुनाव में टिकट बंटवारे को लेकर हाईकमान से नाराज चल रहे थे। केरल के चुनाव में पार्टी ने एक तरह से उन्हें साइडलाइन कर दिया था।

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ललितेश पति त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश (Uttar pradesh) के वाराणसी (varanasi) में 2 अक्टूबर 2021 को होने वाली प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) की रैली से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा। 100 सालों से कांग्रेस और गांधी परिवार के करीबी रहे त्रिपाठी परिवार के चौथी पीढ़ी की बागडोर संभाल रहे कांग्रेस के बड़े नेता और मड़िहान के पूर्व विधायक ललितेशपति त्रिपाठी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया। इसके बाद 25 अक्टूबर को पिता राजेश पति त्र‍िपाठी (Rajesh Pati Tripathi) के  साथ उन्होंने पश्चिम बंगाल की मुख्‍यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में TMC की सदस्यता ले ली। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलापति त्रिपाठी के राजेशपति पोते और ललितेशपति परपोते हैं।

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बाबुल सुप्रियो
कांग्रेस के साथ ही बीजेपी के भी कई नेताओं ने इस साल पार्टी से किनारा किया। इनमें सबसे पहले नाम है बाबुल सुप्रियो का। 31 जुलाई 2021 को बीजेपी और राजनीति दोनों को छोड़ने का दावा करने वाले बाबुल सुप्रियो (Babul Supriyo) ने बड़ा राजनीतिक दांव चलते हुए 18 सितंबर को TMC का दामन थाम लिया। आसनसोल से सांसद रहे बाबुल सुप्रियो ने लोकसभा की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया था।

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यशपाल आर्य 
दलबदल की स्थिति से उत्तराखंड भी बच नहीं सका। 12 अक्टूबर को कांग्रेस ने भाजपा को बड़ा झटका देते हुए कैबिनेट मंत्री यशपाल आर्य (Yashpal Arya) और उनके विधायक बेटे संजीव आर्य को अपनी टीम शामिल कराने में सफलता हासिल की और चुनाव से पहले भाजपा को बड़ा झटका दिया है। ये दोनों नेता बड़ा कद रखने वाले नेता हैं।

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