रिश्तों के बीच कांच की दीवार: एक-दूसरे को देखकर मुस्कराती मां और बेटी की यह तस्वीर भावुक करती है

कोरोना संक्रमण ने रिश्तों पर गहरा असर डाला है। लेकिन कहते हैं कि इंसान मुश्किलों में भी मुस्कराने का जरिया ढूंढ लेता है। यह तस्वीर यही दिखाती है। मां और बेटी के बीच कांच की दीवार जरूर है, लेकिन वे एक-दूसरे को देखकर खुश हैं। दरअसल, यह हैं जगराओ की एडीसी नीरू कत्याल। ड्यूटी करते हुए जब ये कोरोना संक्रमित हुईं, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहां से घर पहुंचने पर ये आइसोलेट हो गईं। इस दौरान वे अपनी मासूम बेटी को देख सकें, इसलिए उनके पति ने दरवाजे के बीच में से प्लाई का कुछ हिस्सा कटवाकर कांच लगवा दिया।

Asianet News Hindi | Published : Jul 17, 2020 11:48 AM IST

लुधियाना, पंजाब. कोरोना संक्रमण ने रिश्तों पर गहरा असर डाला है। लेकिन कहते हैं कि इंसान मुश्किलों में भी मुस्कराने का जरिया ढूंढ लेता है। यह तस्वीर यही दिखाती है। मां और बेटी के बीच कांच की दीवार जरूर है, लेकिन वे एक-दूसरे को देखकर खुश हैं। दरअसल, यह हैं जगराओ की एडीसी नीरू कत्याल। ड्यूटी करते हुए जब ये कोरोना संक्रमित हुईं, तो उन्हें अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। वहां से घर पहुंचने पर ये आइसोलेट हो गईं। इस दौरान वे अपनी मासूम बेटी को देख सकें, इसलिए उनके पति ने दरवाजे के बीच में से प्लाई का कुछ हिस्सा कटवाकर कांच लगवा दिया। मां और बेटी बेशक एक-दूसरे को गले नहीं लगा सकते, लेकिन वे इस बात से खुश हैं कि जीभर के देख सकते हैं।
 

कांच बना मां-बेटी के मिलन का जरिया

नीरू कत्याल मॉलरोड स्थित अपने सरकारी आवास में रहती हैं। कोरोना संक्रमित निकलने पर प्रशासन में हड़कंप की स्थिति मच गई थी। हालांकि एडीसी कत्याल ने समझदारी दिखाई और अपने सारे स्टाफ को सबसे पहले घर भेजा। फिर टेस्ट कराए। नीरू कत्याल को सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहां से डिस्चार्ज होने के बाद जब वे घर पहुंचीं, तो आइसोलेट हो गईं। इस दौरान सबसे बड़ी चिंता अपनी बेटी साइशा से मिलने की थी। बच्ची भी मां को देखने तरस रही थी। यह देखकर उनके पति ने यह आइडिया निकाला। बेटी ने गेट पर मां के लिए संदेश भी लिखा है।

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