
चंडीगढ़. कोई भी कपल सुहागरात पर टेंशन नहीं लेना चाहेगा। लेकिन रेवाड़ के एक कपल के बीच झगड़ा हो गया। मामला कोर्ट पहुंचा और दोनों का तलाक हो गया। हालांकि पत्नी तलाक नहीं लेना चाहती थी, पर पति उसे स्वीकारने को तैयार ही नहीं हुआ। कोर्ट ने भी इस तलाक का मंजूरी दे दी।
यह है मामला...
रेवाड़ी के एक कपल की वर्ष 2007 में शादी हुई थी। सुहागरात पर पत्नी ने पति से बिंदास बोल दिया कि वो तो किसी और से शादी करना चाहती थी। यह शादी तो बस घरवालों की मर्जी से की है। यह सुनकर पति का दिमाग खराब हो गया। सुहागरात पर ही दोनों के बीच झगड़ा हो गया। शादी के महीनेभर बाद ही पत्नी मायके चली गई। पति का आरोप है कि सुहागरात के अगले ही दिन पत्नी उसकी मां के साथ बुरा बर्ताव करने लगी थी। यही नहीं उसने ससुरालवालों के खिलाफ प्रताड़ना का केस भी दर्ज करा दिया था। मामला रेवाड़ी कोर्ट में पहुंचा। पूरा मामला सुनने के बाद कोर्ट ने तलाक को मंजूरी दे दी।
हाईकोर्ट पहुंची पत्नी..
रेवाड़ी कोर्ट के फैसले को पत्नी ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। उसने पति के आरोपों को झूठा करार दिया था। वही पति ने कहा कि पत्नी ने घर छोड़ने के बाद उसे और उसके परिवार को काफी परेशान किया। पुलिस में झूठी शिकायत दर्ज कर दी। हाईकोर्ट ने दोनों की दलील सुनने के बाद माना कि पत्नी ने सुहागरात पर पति से जो कहा वो ठीक नहीं था। यह भी किसी क्रूरता से कम नहीं है, क्योंकि क्रूरता का कोई पैमाना नहीं है।
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