
मोगा, पंजाब. केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ लंबे समय से देश में खासकर पंजाब और हरियाणा में किसानों का आंदोलन चल रहा है। इसी बीच यहां टोल प्लाजा पर धरने पर बैठे शख्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई। गुरुवार देर रात उन्हें धरनास्थल पर अटैक आया। उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन बचाया नहीं जा सका। शुक्रवार को धरनास्थल पर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। मृतक पिछले एक महीने से यहां धरने पर बैठा था।
धरने से उठने को तैयार नहीं था किसान...
मृतक की पहचान मोगा जिले के गांव जींदड़ा के 50 वर्षीय केहर सिंह के रूप में हुई। भारतीय किसान यूनियन के धर्मकोट ब्लॉक प्रधान नछत्तर सिंह रसूलपुर ने बताया कि यहां के टोल प्लाजा पर चल रहे धरने में केहर सिंह पिछले एक महीने से शामिल हो रहे थे।
कृषि कानूनों का विरोध: कैप्टन के धरने के बाद हरियाणा में जगह-जगह चक्का जाम, रेलवे को 1200 करोड़ का नुकसान
आंदोलित किसानों ने गुरुवार को हरियाणा और पंजाब में जगह-जगह जाम लगाकर अपना गुस्सा जाहिर किया था। इससे पहले बुधवार को पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपने विधायकों के साथ दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना दिया। बता दें कि तीन कृषि कानूनों को किसान नुकसानदायक मान रहे हैं। इस बीच रेलवे ने कहा है कि आंदोलन से उसे 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हो गया है। गुरुवार को पंजाब में अलग-अलग 100 जगहों पर धरना दिया गया। भाकियू पंजाब प्रधान जोगिंदर सिंह उगराहां और प्रदेश महासचिव सुखदेव सिंह कोकरी कलां ने बताया कि 20 नवंबर तक रेल रोको आंदोलन चलाया जाएगा। लेकिन मालगाड़ियों को नहीं रोका जाएगा।
इस बीच रेलवे ने फोटो जारी करके बताया था कि पंजाब में कई जगह ट्रैक जाम हैं। इससे कोयले की कमी के कारण पंजाब में रोज 3-4 घंटे तक बिजली की कटौती हो रही है। खाद की किल्लत बढ़ने लगी है। उद्योगों पर असर पड़ा है। रेलवे ने कहा कि पंजाब में रेल रोको आंदोलन से उसे 1200 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। वहीं, किसानों ने कहा कि वे केंद्र के आगे नहीं झुकेंगे। वे सिर्फ मालगाड़ियों को चलाने देंगे, यात्री ट्रेनें नहीं।
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