
अमृतसर: एक पूर्व डीआईजी और चार अन्य को स्थानीय अदालत ने 2004 के एक मामले में आठ वर्ष कैद की सजा सुनाई। इस मामले में पांच लोगों के एक परिवार ने आरोपियों को जिम्मेदार ठहराते हुए आत्महत्या कर ली थी।
पंजाब पुलिस के एक सेवारत डीएसपी को भी चार वर्ष कैद की सजा सुनाई गई है। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश संदीप सिंह बाजवा की अदालत ने उन पर 10 हजार रुपये से लेकर 20 हजार रुपये तक का जुर्माना लगाया।
31 अक्टूबर 2004 को खा लिया था जहर
मामले में पूर्व डीआईजी कुलतार सिंह, डीएसपी हरदेव सिंह, परमिंदर कौर, पलविंदर सिंह, मोहिंदर सिंह और सबरीन कौर को सोमवार को दोषी ठहराया गया था। परिवार ने जब 2004 में आत्महत्या की थी उस वक्त कुलतार सिंह अमृतसर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक हुआ करते थे जबकि डीएसपी हरदेव सिंह तब पुलिस निरीक्षक थे।
हरदीप सिंह ने अपनी पत्नी, मां और दो बच्चों के साथ 31 अक्टूबर 2004 को जहरीला पदार्थ खा लिया था। आत्महत्या करने से पहले पूरे परिवार ने अपने घर की दीवार पर सुसाइड नोट लिखा था। उन्होंने सुसाइड नोट की प्रति अपने दोस्तों और परिचितों को डाक से भेजी थी।
आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया
आत्महत्या के लिए परिवार ने कुलतार सिंह को सीधे जिम्मेदार ठहराया था। लोगों के बढ़ते दबाव में अमृतसर पुलिस ने 2004 के इस मामले में प्राथमिकी दर्ज की थी लेकिन तब आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया गया था।
पंजाब मानवाधिकार संगठन के कार्यकर्ता सरबजीत सिंह वेरका ने 2009 में मामला स्थानीय अदालत के समक्ष उठाया और पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की। उन्होंने आरोप लगाए कि स्थानीय पुलिस मामले की ठीक तरीके से जांच नहीं कर रही है।
अदालत ने सितम्बर 2011 में कुलतार सिंह और हरदेव सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए थे।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
पंजाब की राजनीति, किसान मुद्दे, रोजगार, सुरक्षा व्यवस्था और धार्मिक-सामाजिक खबरें पढ़ें। चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना और ग्रामीण क्षेत्रों की विशेष रिपोर्ट्स के लिए Punjab News in Hindi सेक्शन देखें — ताज़ा और प्रामाणिक खबरें Asianet News Hindi पर।