पंजाब के कांग्रेस कमेटी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू और कांग्रेस की किरकिरी कराने वाले मलविंदर सिंह माली ने इस्तीफा दे दिया है। कुछ दिन पहले ही वह सिद्धू के सलाहकार नियुक्त किए गए थे। उन्होंने पद संभालते ही ऐसे बयान दिए जिससे कांग्रेस पार्टी की खूब किरकिरी हुई।
अमृतसर. पंजाब के कांग्रेस कमेटी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू ने कुछ दिन पहले अपने चार सलाहकार नियुक्त किए हैं। लेकिन इन्हीं सलाहकारों ने उनको परेशानी में डाल दिया। सबसे ज्यादा सिद्धू के सलाहकार मलविंदर सिंह माली अपने बयानों को लेकर विवादों में हैं। उन्होंने पद संभालते ही ऐसे बयान दिए जिससे कांग्रेस पार्टी की खूब किरकिरी हुई। हालांकि पार्टी के आलाकमानों के एक्शन लेने के बाद शुक्रवार को मलविंदर सिंह माली ने सिद्धू के सलाहकार पद से इस्तीफा दे दिया है। पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत ने सिद्दू को दो टूक कह दिया है कि वह अपने सलाहकारों को हटाएं। आइए जानते हैं मलविंदर सिंह माली की पूरी कुंडली..जिनका विवादों से रहा है पुराना नाता...
पत्रकारिता से की थी करियर की शुरूआत
दरअसल, 63 साल के मलविंदर सिंह मूल रुप से संगरूर जिले सकेरौदी गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कॉलेज में एक छात्र नेता के रूप में अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत की थी। माली ने पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला से पत्रकारिता की पढ़ाई की हुई है। इसके बाद वह कई अखबरों में बतौर संपादक काम भी कर चुके हैं। साल 1980 में माली ने पंजाब छात्र संघ का चुनाव लड़ा था, इस दौरान वह राज्य में छात्र संघ महासचिव बने थे।
टाडा के आरोपी भी रह चुके हैं सिद्धू के सलाहकार
बता दें कि माली का विवादों से पुराना नाता रहा है। वह 1993 में एनएसए और टाडा के भी आरोपी रह चुके हैं। उन्हें भड़काऊ भाषण और लेखन के लिए पुलिस ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत गिरफ्तार भी किया जा चुका है। हालांकि डेढ़ महीने की जेल के बाद उन्हें जमानत मिल गई थी। माली के अधिकतर आर्टिकल उग्रवाद और आतंकवाद को सहानुभूति देने वाले होते थे।
कई मंत्रियों के साथ रहा विवाद
माली सीएम अमरिंदर सिंह और प्रकाश सिंह बादल के मख्यमंत्री रहते हुए जनसंपर्क अधिकारी के तौर पर भी काम कर चुके हैं। वह पूर्व जनसंपर्क मंत्री सेवा सिंह सेखवां के साथ भी विवादों में आए थे। इतना ही नहीं अकाली सरकर के दौरान उनका शिक्षा मंत्री सिकंदर सिंह मलूका के साथ भी विवाद चर्चा में रहा है।
सिद्धू के सलाहकार ने इंदिरा गांधी को भी नहीं छोड़ा
माली सिद्धू के सलाहकार नियुक्त होते फिर विवादों में आ गए। उन्होंने कुछ दिन पहले अपनी फेसबुक कवर पेज पर पंजाबी भाषा में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की एक स्केच वाली फोटो शेयर की है। जिसमें इंदिरा गांधी इंसानों की खोपड़ी पर खड़ी है और हाथ में एक बंदूक लिए हुई हैं। हालांकि विवाद बढ़ने पर माली ने इस पोस्ट को अपने फेसबुक पेज से हटा लिया।
तालिबान का किया स्वागत तो कश्मीर को बताया अलग देश
माली ने हाल के दिनों में जो बयान दिये हैं वह हैरान करने वाले हैं। पहले तो उन्होंने अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे का स्वागत किया। फिर कश्मीर को भारत से अलग करते हुए अलग देश बता दिया। इतना ही नहीं उन्होंने यहां तक कह दिया कि भारत को कशमीर को आजाद कर देना चाहिए।
सिद्धू के साथ माली के रिश्ते की शुरूआत
बता दें कि सिद्धू की माली से जान पहचान उस वक्त हुई थी जब गुरु ने सीएम कैप्टन की कैबिनेट से इस्तीफा दिया था। उस दौरान वह सोशल मीडिया पर कैप्टन सरकार पर जमकर हमला बोल रहे थे। इस दौरान माली भी सिद्धू की तरह कैप्टन सरकार की आलोचना करते थे। इसके अलावा वह किसान आंदोलन का समर्थन कर रहे थे। इसके बाद सिद्धू माली को लगातार फॉलो करने लगे। इसी बीच इसी साल फरवरी के माह में जब सिद्धू के सहयोगी और विधायक परगट सिंह के बेटे की शादी चंडीगढ़ में हुई तो सिद्धू और माली भी आए हुए थे। सिद्धू माली से इतने प्रभावित हुए कि जब वे शादी में उनसे मिले, तो उन्होंने माली के पैर छू लिए थे। साथ ही कहा था कि आप पंजाब के हित में काम कर रहे हैं। जल्द हम एक साथ काम करेंगे।