करीब 73 दिन तक पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने प्रदेश कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। लेकिन सिद्धू के इस फैसले से पार्टी के आलाकमान बेहद नाराज हैं।
अमृतसर. करीब 73 दिन तक पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष बने नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने प्रदेश कांग्रेस के प्रधान पद से इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया है। लेकिन सिद्धू के इस फैसले से पार्टी के आलाकमान बेहद नाराज हैं। सूत्रों के मुताबिक खबर आई है कि अगर वह नहीं माने तो पार्टी नेतृत्व उनके खिलाफ कड़ा रुख अपना सकते हैं।
आज कैबिनेट बैठक में होगा फैसला
दरअसल, मीडिया रिपोर्ट के हवाले से खबर आई है कि पार्टी आलाकमान सिद्धू कुछ समय देगी, लेकिन वह फिर भी अपने फैसले से पीछे नहीं हटे तो उन पर हाईकमान सख्त कदम उठा सकता है। बताया जा रहा है कि आज पंजाब में चरणजीत चन्नी सरकार की कैबिनेट बैठक होने जा रही है। जिसमें सभी मंत्री आएंगे। लेकिन जो नहीं इसमें शामिल नहीं होगा, उस पर पार्टी कार्रवाई कर सकती है।
आलाकमान ने सिद्धू से बातचीत करना किया बंद
सूत्रों के मुताबिक सिद्धू इस रवैये से पार्टी आलाकमान बेहद नाराज हैं। बताया जा रहा है कि अब तक दिल्ली हाईकमान ने उनसे कोई बातचीत भी नहीं की है, साथ ही सिद्धू का इस्तीफा भी स्वीकार नहीं किया है। यहां तक कहा जा रहा है कि पार्टी सिद्धू को नहीं मनाएगी। इतना ही नहीं पार्टी ने पंजाब में नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए मंथन भी शुरू कर दिया है। जिसमें रवनीत सिंह बिट्टू का नाम सबसे आगे बताया जा रहा है।
सोनिया गांधी को भेजी चिट्टी में सिद्धू लिखी इस्तीफे की वजह
सिद्धू ने अपने इस्तीफे के साथ सोनिया गांधी को चिट्टी भेजी है। जिसमें उन्होने कहा-पंजाब के भविष्य से समझौता नहीं कर सकता। किसी के चरित्र के पतन की शुरुआत समझौते से होती है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे पर कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं पंजाब कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।