पटियाला जोन के आईजी राकेश अग्रवाल का कहना है कि कुछ शरारती तत्वों और अफवाहों की वजह से ये हिंसा हुई है। अब स्थिति कंट्रोल में है। शनिवार को शांति कमेटी की बैठक बुलाई गई है। लोगों से अपील है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें।
पटियाला : पंजाब के पटियाला (Patiala) शहर में शुक्रवार दोपहर दो समुदाय आपस में टकरा गए। बवाल इतना बढ़ा कि झड़प हिंसा में बदल गई। ना सिर्फ आमने-सामने ईंट-पत्थर चले बल्कि छतों से भी पत्थरों की बौछारें दिखाई दी। तलवारें हवा में लहराने लगीं। देखते ही देखते पूरा माहौल तनावपूर्ण हो गया। यूथ कांग्रेस ने हिंसा के दौरान खालिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला वीडियो भी शेयर किया है। अब भारी संख्या में पुलिस बल सड़कों पर तैनात होकर उपद्रवियों पर नजर बनाए हुए है। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि क्या पुलिस को इस हिंसा का अंदेशा नहीं था? शहर को सुलगाने के पीछे क्या कोई सोची-समझी साजिश थी या फिर कुछ और...पढ़िए इस हिंसा के पीछे की पूरी कहानी
कैसे सुलग उठा पंजाब का पटियाला
खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पुन्नू ने शुक्रवार को खालिस्तान स्थापना दिवस मनाने का ऐलान किया था। कहा यह भी गया था कि हरियाणा के डीसी दफ्तरों पर झंडे भी फहराए जाएंगे। जिसके विरोध में शिवसेना ने गुरुवार को ऐलान किया कि वह भी शुक्रवार को खालिस्तानी मुर्दाबाद मार्च निकालेगी। हालांकि, पुलिस की तरफ जुलूस की मनाही थी। सड़कों पर पुलिसबल भी तैनात था। हिंसा की आशंका के चलते पुलिस ने पहले ही बैरिकेडिंग और सुरक्षा के इंतजाम किए थे लेकिन यह काफी नहीं रहा और बवाल बढ़ गया। बताया जा रहा है कि जब शिवसेना का मार्च निकला तो खालिस्तानी समर्थकों ने इसका विरोध किया और इसी से बढ़ा तनाव हिंसक झड़प तब्दील हो गया।
बवाल बढ़ा तो तलवारें खिंच गईं...
शिवसेना के पंजाब कार्यकारी प्रधान हरिश सिंगला की देखरेख में निकाला गया यह मार्च आर्य समाज चौक से शुरू हुआ। शिव सैनिक कार्यकर्ता खालिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए बढ़ रहे थे। तभी दोनों समुदाय आपस में भिड़ गए। खालिस्तानी समर्थकों ने तलवार लहराई तो छतों से भी पत्थर फेंके गए। कई लोग घायल भी हुए। पुलिस के कई जवान को भी चोटें आईं। SHO के हाथ काटने की भी खबर मिलीं लेकिन पुलिस की तरफ से इसका खंडन किया गया। वहीं, इस घटना के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए इलाके में भारी पुलिसबल की तैनाती की गई है।
कौन है गुरपतवंत सिंह पुन्नू
बता दें, गुरपतवंत सिंह पन्नू के भारत आने पर रोक लगी है। उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला भी दर्ज किया गया है। पन्नू ने यूट्यूब के जरिए यह घोषणा की थी कि गुरुग्राम से लेकर हरियाणा के अंबाला तक सभी एसपी और डीसी कार्यालयों में खालिस्तानी झंडा फहराया जाएगा। उसने पंजाब को भारत से अलग करने और 29 अप्रैल को इस ऐलान का एक वीडियो बनाया था। साइबर क्राइम पुलिस थाने में जो रिपोर्ट दर्ज की गई है, उसके मुताबिक पन्नू ने वीडियो में कहा था- हरियाणा, पंजाब का हिस्सा होगा और पंजाब को भारत से मुक्त कराया जाएगा। सभी दफ्तरों में झंडा फहराया जाएगा और हरियाणा खालिस्तान बनेगा। जिसके बाद से ही पुलिस एक्टिव थी लेकिन वह हिंसा रोकने में नाकाम साबित हुई।
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