जानकारी के मुताबिक, पुलिस को इस हिंसा का अंदेशा पहले ही था लेकिन पुलिस ने इसे रोकने कोई पुख्ता इंतजाम नहीं किए। इंटेलिजेंस ने भी पुलिस को इसके इनपुट दिए थे। पुलिस अफसरों ने इस पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया और हालात ऐसे बन गए।
पटियाला : पंजाब (Punjab) के पटियाला (Patiala) में हुई हिंसा मामले में शिवसेना नेता हरीश सिंगला (Harish Singla) को दो दिन के पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है। शनिवार को उसे कोर्ट में पेश किया गया। पुलिस अब सिंगला से पूछताछ करेगी। सिंगला की अगुवाई में ही शहर में खालिस्तान विरोधी मार्च निकाला गया था। जिसका खालिस्तानी समर्थकों ने विरोध किया और टकराव बढ़ गया था। वहीं, कहा जा रहा है कि अदालत में सिंगला ने पुलिस-प्रशासन पर फेल होने का आरोप लगाया है। हालात संभालने में फेल होने के आरोप लगाए।
पुलिस ने चार दिन की रिमांड मांगी थी
अदालत में पेशी के दौरान सरकारी वकील की तरफ से सिंगला की चार दिन की रिमांड मांगी गई थी। दलील दी गई थी कि हरीश सिंगला को किसने मार्च निकालने को कहा? इसमें और कौन-कौन से लोग शामिल हैं। सिंगला और इस मार्च का कहीं कोई और कनेक्शन तो नहीं? ऐसे कई सवाल हैं, जिनके जवाब के लिए पुलिस को पूछताछ के लिए वक्त चाहिए। इसलिए कोर्ट से अपील है कि सिंगला को चार दिन की रिमांड पर भेजा जाए। सिंगला के वकील ने विरोध और तर्क के बाद पुलिस को दो दिन की कस्टडी मिली।
शिवसेना से बाहर हो चुके हैं सिंगला
वहीं, पटियाला हिंसा के बाद शिवसेना बाल ठाकरे की तरफ से एक्शन लेते हुए हरीश सिंगला को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है। पार्टी का कहना है कि इस मामले में पार्टी से किसी भी तरह की परमीशन नहीं ली गई है। वहीं, अपने निलंबन पर सिंगला का कहना है कि यह सरासर गलत है। उन्हें पार्टी से सिर्फ एक ही नेता निकाल सकता है और वो हैं खुद महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे।
पटियाला में क्या हुआ
दरअसल, आतंकी गुरपतवंत पन्नू के विरोध में शुक्रवार को शिवसेना की तरफ से खालिस्तान विरोधी मार्च निकाला गया। जिसका सिख संगठनों ने विरोध किया तो दोनों तरफ से पत्थरबाजी और हथियार से हिंसा शुरू हो गई। हालात काफी बिगड़ गए। कुछ पुलिसकर्मी भी घायल हुए। जिसके बाद SSP नानक सिंह ने हवाई फायरिंग कर हालात संभाला। शाम सात बजे से सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लगा दिया गया, वहीं देर रात शिवसेना नेता हरीश सिंगला को गिरफ्तार कर लिया। सिंगला ने ही इस मार्च की अगुवाई की थी।
इसे भी पढ़ें-हाथों में तलवार-सड़कों पर पत्थर और खालिस्तान जिंदाबाद के नारे, जानें पटियाला हिंसा के पीछे की कहानी
इसे भी पढ़ें-'अनाड़ी आदमी के हाथ में सरकार', पटियाला हिंसा पर विपक्ष का तीखा हमला, जानिए CM भगवंत मान ने क्या कहा