सबसे अहम बात ये है कि इस चुनाव में दमखम के साथ उतरने की तैयारी है। इसके लिए आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो किसान संगठन राज्य की 30 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा, सरकार बनने पर डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तय किया जा रहा है। राज्य में कुल 117 सीटों पर चुनाव होना है।
चंडीगढ़। विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election 2022) से पहले पंजाब की सियासत नए सिरे से गरमा सकती है। वजह भी साफ हो चली है। दिल्ली बॉर्डर पर सालभर आंदोलन करने के बाद लौटे किसान संगठनों (Farmers Unions) ने अब चुनावी मैदान में खुद उतरने की तैयारी कर ली है। इस संबंध में शनिवार को किसान नेता चंडीगढ़ (Chandigarh) में घोषणा करेंगे। बताते हैं कि पंजाब के 32 किसान संगठन आंदोलन में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) का हिस्सा बने थे। इनमें से 25 संगठनों ने चुनाव लड़ने के लिए सहमति दे दी है। अन्य संगठन भी अप्रत्यक्ष रूप से इनकी मदद करेंगे।
सबसे अहम बात ये है कि इस चुनाव में दमखम के साथ उतरने की तैयारी है। इसके लिए आम आदमी पार्टी (AAP) से गठबंधन किया जाएगा। सूत्रों की मानें तो किसान संगठन राज्य की 30 सीटों पर चुनाव लड़ सकते हैं। इसके अलावा, सरकार बनने पर डिप्टी सीएम का फॉर्मूला तय किया जा रहा है। राज्य में कुल 117 सीटों पर चुनाव होना है।
कौन होगा AAP का CM फेस...
पंजाब चुनाव में अब तक आम आदमी पार्टी ने CM फेस की घोषणा नहीं की है। हालांकि, केजरीवाल ने कहा था कि वे सबसे पहले सीएम फेस को सामने लाएंगे। किसान संगठन के सूत्रों के मुताबिक, पंजाब के दिग्गज किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल AAP की तरफ से CM फेस हो सकते हैं। वे आम आदमी पार्टी की टिकट पर चुनाव भी लड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि वे खन्ना से चुनाव लड़ेंगे। क्योंकि खन्ना में राजेवाल के पंजाब के नए CM के पोस्टर तक लग गए हैं। हालांकि, राजेवाल अब तक चुनाव लड़ने से इन्कार करते आ रहे हैं।
तो इसलिए बढ़ी पंजाब के किसान संगठनों की चिंता
पंजाब के किसान संगठनों की बड़ी चिंता हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी हैं, जिन्होंने हाल ही में पंजाब में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसके साथ ही कुछ दिन पहले चंडीगढ़ में संयुक्त संघर्ष पार्टी बनाने की घोषणा की है। चढ़ूनी ने इसे मिशन पंजाब का नाम दिया है। अगर चढ़ूनी पंजाब की सियासत में एक्टिव हुए और माहौल बना तो उन्हें किसान आंदोलन की सहानुभूति का बड़ा फायदा मिल सकता है। ये पंजाब के अन्य किसान संगठन नहीं चाहते हैं, इसलिए राज्य के किसान संगठनों ने खुद चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है।
ये 7 संगठन चुनाव लड़ने को तैयार नहीं...
शुक्रवार को लुधियाना के मुल्लापुर में किसान संगठनों की बैठक हुई। इसमें पंजाब के 7 किसान संगठन कीरती किसान यूनियन, क्रांतिकारी किसान यूनियन, बीकेयू-क्रांतिकारी, दोआबा संघर्ष कमेटी, बीकेयू सिद्धुपुर, किसान संघर्ष कमेटी, जय किसान आंदोलन ने चुनाव लड़ने पर असहमति जताई। उनका कहना था कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन इलाके में उनका सहयोग कर सकते हैं। इन सातों संगठनों ने अन्य किसान संगठनों को ये भी कहा है कि चुनाव प्रचार में संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर और पोस्टर भी इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
इसलिए आप के साथ जाने के पक्ष में हैं किसान संगठन
सूत्रों ने ये भी कहा कि करीब एक दर्जन यूनियन आप के साथ गठबंधन के पक्ष में थीं। किसान नेताओं ने कहा कि चूंकि आप को राज्य में अभी तक सत्ता में आने का मौका नहीं दिया गया है और आंदोलन के दौरान किसानों को आप नेताओं का समर्थन भी मिला था। इस कारण से चुनाव में उनके साथ गठबंधन करने से कोई परहेज नहीं है। बता दें कि पहले से ही संगठन के नेताओं बलबीर सिंह राजेवाल और हरमीत सिंह कादियान के आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ने की अटकलें लगाई जा रही थीं। हालांकि दोनों ने इन अटकलों का खंडन किया है।
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