
चंडीगढ़ : पंजाब में अगले साल होने जा रहे विधानसभा चुनाव (Punjab elections 2022) से पहले चन्नी सरकार ने व्यापारियों को बड़ी सौगात दी है। राज्य सरकार ने वैट के 40 हजार लंबित मामलों को रद्द कर दिया है। व्यापार और उद्योग को बड़ी राहत देते हुए राज्य सरकार की तरफ से वित्तीय साल 2014-15, 2015-16 और 2016-17 से जुड़े केंद्रीय बिक्री कर और वैट के अधीन आने वाले 48 हजार से ज्यादा मामलों में से 40 हजार मामलों को रद्द कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले से व्यापारियों में काफी खुशी है।
प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन में ऐलान
मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) ने लुधियाना में प्रगतिशील पंजाब निवेशक सम्मेलन में इस फैसले का ऐलान किया था। कर विभाग के मुताबिक वित्तीय साल 2014-15 के बकाया तकरीबन 8500 मामलों का मूल्यांकन कर लिया है और व्यापारियों को टैक्स देनदारी का सिर्फ 30 फीसदी जमा करवाने के लिए कहा गया है। विभाग ने इन मामलों का निपटारा करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।
कारोबार को आसान बनाने का माहौल
व्यापारियों को और राहत देते हुए कर विभाग ने उनको मौजूदा वित्तीय साल के दौरान टैक्स देनदारी का सिर्फ 20 प्रतिशत जमा करवाने के लिए कहा है और बाकी 80 प्रतिशत अगले वित्तीय साल तक जमा करवाना होगा। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार राज्य में कारोबार को और आसान बनाने के लिए उद्योग समर्थक माहौल बनाने के लिए पूरी तरह वचनबद्ध है। सरकार का व्यापार और उद्योग को पूर्ण सहयोग पंजाब को बेहतर राज्य के तौर पर आगे लाने में सहायक होगा।
निवेश को प्रोत्साहित करने का प्लान
सरकार की तरफ से बताया गया कि उसका प्रयास है कि उद्योगपतियों को राज्य में बड़े स्तर पर निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करने के साथ उनका मनोबल बढ़ाया जाए। कर विभाग ने जीएसटी और वैट की बिना उपस्थित हुए मूल्यांकन की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, जिसके तहत अब व्यापारियों और उद्योगपतियों को टैक्स अधिकारियों के आगे खुद उपस्थित होने की जरूरत भी नहीं होगी।
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