एसोसिएशन के अध्यक्ष तरसेम सैनी ने बताया कि कारपोरेशन में भारी भ्रष्टाचार है। चावल को जान बूझ कर घटिया क्वॉलिटी का बता कर रिजेक्ट कर दिया जाता है। उन्होंने कई बार मांग की कि चावल की गुणवत्ता का आंकलन करने के लिए कम्प्यूटराइज लेबोरेटरी स्थापित की जाए।
चंडीगढ़ : पंजाब (Punjab) में चावल की गुणवत्ता को लेकर राइस मिलर्स और FCI आमने-सामने आ गए हैं। राइस मिलर्स एसोसिशन ने आरोप लगाया कि फूड कारपोरेशन ऑफ इंडिया चावल की गुणवत्ता के नाम पर उन्हें तंग कर रहा है। चावल के ट्रक रिजेक्ट हो रहे हैं। इस वजह से उन्हें भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन (PRMA) ने चेतावनी दी कि यदि FCI ने यही रवैया रखा तो उन्हें अदालत की शरण लेनी होगी।
जानबूझकर चावल रिजेक्ट कर रहे - एसोशिएशन
एसोसिएशन के अध्यक्ष तरसेम सैनी ने बताया कि कारपोरेशन में भारी भ्रष्टाचार है। चावल को जान बूझ कर घटिया क्वॉलिटी का बता कर रिजेक्ट कर दिया जाता है। उन्होंने कई बार मांग की कि चावल की गुणवत्ता का आंकलन करने के लिए कम्प्यूटराइज लेबोरेटरी स्थापित की जाए। लेकिन उनकी इस मांग की ओर आज तक ध्यान नहीं दिया। क्योंकि यदि इस तरह की लेबोरेटरी होगी तो फिर विभाग के जो अधिकारी भ्रष्टाचार में लिप्त है, उनका धंधा चौपट हो जाएग। इसलिए अभी भी चावल की गुणवत्ता का आकलन मैनुअली ही किया जा रहा है। जो कि गलत है। इसमें मनमानी हो रही है।
एसोशिएशन की चेतावनी
एसोसिएशन ने चेतावनी की यदि उनकी मांग की ओर जल्दी ही ध्यान नहीं दिया गया तो उनके सामने आंदोलन करने के सिवाय कोई चारा नहीं बचेगा। क्योंकि चावल का ट्रक रिजेक्ट होने से उन्हें काफी नुकसान होता है। उनका कहना है कि FCI अपने कामकाज में बदलाव लाने को तैयार नहीं है। इनके कामकाज में पारदर्शिता होनी चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता तो हमें न सिर्फ सड़कों पर उतरना पड़ सकता है,बल्कि कोर्ट में भी जाना पड़ेगा। क्योंकि अब एफसीआई की मनमानी बर्दाश्त से बाहर हो गई है। तरसेम सैनी ने बताया कि 14 जनवरी, 2022 को FCI के 58वें स्थापना दिवस पर केंद्रीय खाद्य, नागरिक आपूर्ति और उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने वायदा किया था कि एफसीआई के कामकाज को व्यवस्थित किया जाएगा। लेकिन इस दिशा में आज तक कुछ नहीं हुआ है।
ये भी आरोप
एसोसिएशन के महासचिव गुरदीप सिंह चीमा ने कहा कि 30 दिसंबर, 2021 को एफसीआई के पंजाब क्षेत्रीय कार्यालय, चंडीगढ़ से एफसीआई के कुछ अधिकारियों ने एफसीआई के रामनगर डिपो का दौरा किया। चावल ले रहे ट्रकों को रिजेक्ट कर दिया। एसोसिएशन के उपाध्यक्ष संजीव कुमार ने कहा कि केंद्रीय खाद्य मंत्रालय को एफसीआई के उच्च अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एफसीआई के अधिकारी मनमानी करने पर तुले हुए हैं। यदि यही रवैया तो उनका तो काम करना मुश्किल हो जाएगा।
चावल की गुणवत्ता बेहतर
सरकार जो भी धान न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदती है, उससे चावल बनाने के लिए राइस मिलर्स को दे दिया जाता है। इसकी एवज में राइस मिलर्स को सरकार की ओर से भुगतान किया जाता है। जो चावल राइस मिलर्स वापस करेंगे, सरकार ने उसकी गुणवत्ता के मापदंड तय कर रखे हैं। पंजाब राइस मिलर्स का आरोप कि चावल की गुणवत्ता तय मापदंड के मुताबिक है, लेकिन एफसीआई के अधिकारी इस चावल को रिजेक्ट कर रहे हैं। इस वजह से उन्हें भारी परेशानी हो रही है।
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