सार
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिक्रम सिंह मजीठिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो डीजीपी गैंगस्टरों के साथ संबंध रखता हो, वो प्रधानमंत्री की सुरक्षा से भी कंप्रोमाइज कर सकता है। पीएम की सुरक्षा में सेंध मामले में डीजीपी की संलिप्तता की NIA जांच होनी चाहिए।
चंडीगढ़ : ड्रग्स केस में फंसे अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया (Bikram Singh Majithia) लगातार कांग्रेस पर हमलावार हैं। पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Chunav 2022) से ठीक पहले उनके बयान कांग्रेस (Congress) के गले की फांस बन सकता है। मजीठिया ने पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पर गैंगस्टरों से सांठगांठ का आरोप लगाया है। एक कॉल रिकॉर्डिंग का हवाला देते हुए उन्होंने दावा किया है कि डीजीपी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) के दौरे से कुछ दिन दिनों पहले एक गैंगस्टर से बात करते हुए कहा था कि अगले तीन से चार दिनों में मोदी को भी सबक सिखा देंगे।
पूर्व डीजीपी पर गंभीर आरोप
चंडीगढ़ (Chandigarh) में प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिक्रम सिंह मजीठिया ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो डीजीपी गैंगस्टरों के साथ संबंध रखता हो, वो प्रधानमंत्री की सुरक्षा से भी कंप्रोमाइज कर सकता है। पीएम की सुरक्षा में सेंध मामले में डीजीपी की संलिप्तता की NIA जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार संविधान की भावना के विपरीत काम कर रही है। गृहमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhjinder Singh Randhawa) और डीजीपी चट्टोपाध्याय (Siddharth Chattopadhyay) के फोन कॉल की जांच होनी चाहिए। डीजीपी चट्टोपाध्य ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा से खिलवाड़ किया है। मजीठिया ने चट्टोपाध्य को 18 दिन का डीजीपी बताया। कहा- वह डीजीपी के पद के लिए क्वालिफाइड नहीं था। बता दें कि पीएम मोदी की सुरक्षा में सेंध के वक्त सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय पंजाब के कार्यकारी डीजीपी थे।
सीएम और गृहमंत्री पर आरोप
मजीठिया ने सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और गृह मंत्री पर भी आरोप लगाए। उन्होंने सवाल किया कि पूर्व विधायक सुखपाल खैरा को कांग्रेस ने टिकट दिया कि जो कि ईडी की हिरासत में हैं। लोक इंसाफ पार्टी के प्रमुख समरजीत सिंह बैंस पर रेप के आरोप लगे हुए हैं। इस मामले में उन्हें कोर्ट ने भगोड़ा करार दिया गया है। इसके बाद भी पुलिस उन पर रेड नहीं कर रही है। उन पर रेड पर रेड मारी जा रही है, यह क्यों? आखिर इसके पीछे वजह क्या?
मजीठिया के आरोपों के क्या मायने?
बुधवार के मजीठिया के प्रेस कॉन्फ्रेंस और उसमें लगाए गए आरोपों के मायने को लेकर पंजाबी ट्रिब्यून के पूर्व पत्रकार बलविंदर सिंह बताते हैं कि अकाली दल अब मामले को भावूक टच देना चाहता है। इसमें वह कुछ हद तक कामयाब भी रहे हैं। क्योंकि अब उन पर जितना कांग्रेस आरोप लगाएंगी, मजीठिया को इसका लाभ मिलेगा। पंजाब का मतदाता भावनात्मक रूप से बहुत सॉफ्ट रहता है, उन्हें यह समझ में आ जाए कि नेता को फंसाया जा रहा है तो वह उसके पक्ष में एकजुट हो जाते हैं। अकाली दल इसी तरह की कोशिश में हैं।
पुराने तथ्यों को नए अंदाज में रखा
राजनीतिक समीक्षक वीरेंद्र भारत इसको लेकर कहते हैं कि मजीठिया नया कुछ नहीं बोले, उन्होंने पुराने तथ्यों को नए अंदाज में रखा है। जिस तरह से उन्होंने अपने परिवार खासतौर पर माता का जिक्र किया है, इसका मतदाता पर जरूर असर पड़ सकता है। इससे एक बात साफ है कि मजीठिया डरे नहीं है, उन्हें जैसे ही मौका मिलेगा वह कांग्रेस पर आक्रमण करेंगे। वीरेंद्र भारत ने कहा कि एक बात तो साफ हो गई, अकाली दल भाजपा के प्रति अभी भी सॉफ्ट कॉर्नर रखे हुए हैं। मजीठिया ने अपनी पूरी बातचीत में भाजपा (BJP) के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला। इतना ही नहीं उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा को लेकर भी कांग्रेस पर सवाल उठाया। कुल मिला कर आज की प्रेस कॉफेंस में मजीठिया ने बहुत ही सधे हुए अंदाज में अपनी बात रखी है। वह बातचीत तो पत्रकारों से कर रहे थे, लेकिन वह संबोधित पंजाब के मतदाताओं को कर रहे थे।
मजीठिया को कोर्ट से राहत
बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने बिक्रम सिंह मजीठिया को गिरफ्तारी से तीन की सुरक्षा प्रदान की है ताकि वह अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज करने के फैसले फैसले के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर कर सकें। न्यायमूर्ति लीजा गिल की अदालत ने सोमवार को मादक पदार्थ मामले में आरोपी मजीठिया की अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज कर दी थी। मंगलवार को आदेश की प्रति मिली, इसके मुताबिक अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनैती देने के लिए तीन दिन का समय दिया जा रहा है.तब तक याचिकाककर्ता को गिरफ्तार नहीं किया जाएगा।
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