
चंडीगढ़ : पंजाब चुनाव (Punjab Chunav 2022) में सत्ताधारी पार्टी कांग्रेस (Congress) के सभी दांव एक-एक कर फेल हो गए। पिछले चुनाव में 77 सीट जीतकर सत्ता पर काबिज होने वाली पार्टी की कौन-कौन सी चूक उस पर भारी पड़ गई और सिर्फ 18 सीट ही जीत सकी? अब राज्य में पंजे को मजबूत करने और गलतियों को समझने मैराथन मंथन करने जा रही है। मंगलवार से चंडीगढ़ में इस पर चर्चा होगी। सबसे पहले सबसे ज्यादा 69 सीटों वाले मालवा क्षेत्र पर पार्टी विचार-विमर्श करेगी। पंजाब कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी (Harish Chaudhary) ने सभी सीटों से उम्मीदवारों को बारी-बारी से बुलाया है। सभी से वन-टू-वन चर्चा की जाएगी। बुधवार को दोआबा और माझा जोन के उम्मीदवारों को बुलाया गया है।
चन्नी-सिद्धू के बिना मंथन
कांग्रेस को मिली करारी शिकस्त के बाद से ही चरणजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) के साथ-साथ नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) के खिलाफ भी माहौल बन गया है। कई नेता दोनों को हार के लिए जिम्मेदार बता चुके हैं। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) भी लगातार हमलावर हैं। जाखड़ चन्नी को कांग्रेस के लिए बोझ तक बता चुके हैं। जबकि सुखजिंदर रंधावा सिद्धू को हार का दोषी बता रहे हैं। ऐसे में उम्मीदवारों ने पार्टी हाईकमान से साफ-साफ कह दिया है कि वह सिद्धू और चन्नी के सामने किसी भी तरह की बात नहीं रहेंगे। जिस कारण से इस मंथन से चरणजीत चन्नी और सिद्धू को दूर रखा गया है।
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क्या रहा है इस बार का रिजल्ट
इस बार के नतीजों में आम आदमी पार्टी (AAP) ने पंजाब में कमाल कर दिया। राज्य की 117 में से 92 सीटें जीतकर प्रचंड जीत हासिल की है। जबकि सत्तारूढ़ कांग्रेस सिर्फ 18 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रही। शिरोमणि अकाली दल गठबंधन को चार, भाजपा (BJP) को दो और एक आजाद उम्मीदवार को जीत मिली है। 2017 के नतीजों की बात करें तो आम आदमी पार्टी को 20 ,अकाली दल को 15, भाजपा को तीन और लोक इंसाफ पार्टी को दो सीटों पर जीत मिली थी। इस हार के बाद कांग्रेस के अंदरखाने खींचतान शुरू हो गई है। चन्नी और सिद्धू को कई बड़े नेता दोषी ठहरा रहे हैं। इसी को देखते हुए पार्टी हार पर मंथन करने जा रही है।
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