कुछ दिन वंश का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह जुराबों की कीमत से अधिक दिए गए 50 रुपये लेने से मना कर रहा है। वंश की यही बातें सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल को छू गईं। वह बच्चे के आत्मसम्मान और गरिमा से इतने प्रभावित हुए कि उसकी मदद करने से नहीं रह सके।
लुधियाना (पंजाब). अक्सर सुना है कि गरीबी वक्त से पहले बड़ा बना देती है। जो उम्र खेलने-कूदने और पढ़ने की होती है उस उम्र में नन्हे बच्चे जिम्मदारी की बोझ उठाने क लिए मजबूर हो जाते हैं। ऐसी एक मर्मिक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। जहां एक 10 साल का बच्चा दो वक्त की रोटी के लिए सड़कों पर घूम-घूम कर जुराब बेच रहा है। जब यह वीडियो पंजाब मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह तक पहुंचा तो वह देखकर भावुक हो गए। उन्होंने फौरन बच्चे के माता-पिता से बात की और कहा कि अब सरकार इस मासूम की पढ़ाई का खर्चा उठाएगी। साथ ही परिवार को भी दो लाख रुपए की मदद का ऐलान किया।
सीएम के दिल को छू गई बच्चे की बात
दरअसल, इस बच्चे का नाम वंश सिंह और उसकी उम्र दस साल है। मासूम के परिवार में सात लोग हैं, यह परिवार लुधियाना के हैबोवाल इलाके में किराये के मकान में रहता है। लेकिन इस वक्त यह परिवार तंगहाली में जीवन काट रहा है। कुछ दिन वंश का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह जुराबों की कीमत से अधिक दिए गए 50 रुपये लेने से मना कर रहा है। वंश की यही बातें सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह के दिल को छू गईं। वह बच्चे के आत्मसम्मान और गरिमा से इतने प्रभावित हुए कि उसकी मदद करने से नहीं रह सके।
मुख्यमंत्री ने कहा-अब सिर्फ पढ़ाई करेगा यह बच्चा
बता दें कि वंश के पिता परमजीत सिंह भी जुराब बेचने का काम करते हैं। वहीं उसकी मां रानी घर का काम करती हैं। लेकिन जब परिवार पर आर्थिक संकट आया तो वंश अपना स्कूल छोड़कर पिता की मदद करने के लिए उन्हीं की तरह सड़क किनारे जुराब बेचने लगा। वीडियो सामने आने के बाद अब सीएम ने
लुधियाना के डिप्टी कमिश्नर को निर्देश दियाहै कि वंश वापस से अपने स्कूल जाए और उसके पढ़ाई का पूरा खर्च राज्य सरकार वहन करेगी।