दिल्ली बम ब्लास्ट के दोषी देविंदर भुल्लर की रिहाई पर फंसी AAP, सिख संगठनों ने खोला मोर्चा, जानें सियासी मायने?

प्रो. भुल्लर की रिहाई को लेकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ गांव में आम आदमी पार्टी के पोस्टरों पर कालिख पोतने का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां खड़ूर साहिब विधानसभा क्षेत्र के कई गांव में पोस्टरों पर कालिख पोती जा रही है।

मनोज ठाकुर, चंडीगढ़। दिल्ली बम ब्लास्ट में दोषी आतंकी देविंदर पाल भुल्लर की रिहाई पर आम आदमी पार्टी चारों तरफ से घिर गई है। सिख संगठनों ने आम आदमी पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए केजरीवाल को पत्र भी लिखा है। चुनावी सर्वे में आम आदमी पार्टी को मिल रही मजबूती के बीच सिख संगठनों का यह कदम आप को भारी पड़ सकता है। सिखों ने ऐलान कर दिया कि यदि केजरीवाल उनकी मांग की ओर ध्यान नहीं देते तो वह आप के उम्मीदवारों का समर्थन नहीं करेंगे। उन्हें विरोध का सामना करना पड़ेगा। पार्टी के उम्मीदवारों का भी घेराव किया जाएगा। 

इधर, प्रो. भुल्लर की रिहाई को लेकर आम आदमी पार्टी के खिलाफ गांव में आम आदमी पार्टी के पोस्टरों पर कालिख पोतने का सिलसिला शुरू हो गया है। यहां खड़ूर साहिब विधानसभा क्षेत्र के कई गांव में पोस्टरों पर कालिख पोती जा रही है। सिख संगठनों का आरोप है कि केंद्र में मोदी सरकार द्वारा भुल्लर की रिहाई के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, उसके बावजूद दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने इस प्रस्ताव को चार बार खारिज कर दिया है। भुल्लर की रिहाई को केजरीवाल सरकार के सेंटेंस रिव्यू बोर्ड ने 2020 में भी खारिज कर दिया था। अब क्योंकि विधानसभा का चुनाव का मौका है, इसलिए सिख समुदाय मामले को उठाकर केजरीवाल सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है, जिससे सरकार इस मामले में कोई ठोस निर्णय लें।

Latest Videos

"

इसलिए गुस्से में हैं सिख संगठन 
भुल्लर की रिहाई की फाइल दिल्ली की केजरीवाल सरकार के पास मंजूरी के लिए पड़ी है। भुल्लर की पत्नी बीबी नवनीत कौर ने बताया कि इस फाइल को दिल्ली सरकार ने रोक रखा है। एनआरआई भाई रणजीत सिंह बग्गा (कनाडा) ने कहा कि पूरी दुनिया के सिख केजरीवाल से मांग कर रहे हैं कि वह प्रो. भुल्लर को रिहा करें। यदि केजरीवाल ऐसा नहीं करते तो पंजाब में आप उम्मीदवारों का समर्थन बंद कर दिया जाएगा। पंथिक नेता भाई सरवन सिंह अगवान, भाई नारायण सिंह, भाई हरजिंदर सिंह, भाई खुशवंत सिंह बाघा, बाबा राजू सिंह, भाई वरयम सिंह और पंजाब सिंह सुल्तानविंड ने कहा कि प्रो. भुल्लर की रिहाई में फिलहाल कोई कानूनी बाधा नहीं है। भुल्लर की रिहाई को लेकर केजरीवाल का नकारात्मक रवैया सिखों और पंजाबियों की भावनाओं के खिलाफ लिया जा रहा है। 

केंद्र सरकार पहले ही राजोआना को ‘जिंदगी’ दे चुकी 
भुल्लर की रिहाई की मांग करने वालों का कहना है कि केंद्र सरकार सिख कैदियों को लेकर सकारात्मक है। केंद्र ने गुरु नानक की 550वीं जयंती पर अधिसूचना जारी कर बलवंत सिंह राजोआना की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया है। इस तरह की पहल दिल्ली सरकार को भी करनी चाहिए। लेकिन उनकी बार-बार मांग के बाद भी दिल्ली सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है। 

कौन हैं प्रो. देविंदर पाल सिंह भुल्लर?
भुल्लर को 1993 में दिल्ली में हुए बम विस्फोट का दोषी मानते हुए कोर्ट ने 2002 में फांसी की सजा सुनाई थी। यह विस्फोट मनिंदरजीत सिंह बिट्टा पर किया था। इसमें वह घायल हो गए थे, जबकि उनके सुरक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी। भुल्लर की पत्नी ने फांसी की सजा के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर कर इसे उम्रकैद में बदलने की मांग की। सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी 2014 में भुल्लर की फांसी की सजा पर रोक लगा दी, वजह यह बताई कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। 

इसलिए सिख संगठन कर रहे हैं रिहाई की मांग 
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रपति के पास दायर दया याचिका में सुनवाई में देरी को लेकर 15 कैदियों की मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था। 13 दोषियों की सजा कम कर दी थी। दो अन्य दोषियों की सजा मानसिक बीमारी की वजह से कम की गई थी। इसे आधार बना कर ही भुल्लर की रिहाई की मांग बार-बार उठ रही है। 

आप के लिए परेशानी की वजह बन सकता है मुद्दा 
राजनीतिक समीक्षक वीरेंद्र सिंह भारत ने बताया कि भुल्लर के प्रति सिख समुदाय में सहानुभूति है। इसे लेकर यहां का मतदाता भावुक है। अब यदि ये मामला जोर पकड़ता है तो निश्चित ही सिख वोटर आम आदमी पार्टी से दूर हो सकता है। जिस तरह से एनआरआई सिख इस मामले को लेकर सक्रिय हो गए हैं, इससे ये मांग पंजाब में तेजी से फैल सकती है। अब जबकि आम आदमी पार्टी पंजाब में मजबूत स्थिति में नजर आ रही है, तब यह मुद्दा पार्टी की कमजोरी बनकर सामने आ सकता है। यूं भी सिखों को जोड़ने को लेकर भाजपा ने काफी काम किए हैं। भाजपा के कामों को आधार बनाकर भी AAP को घेरने की कोशिश लगातार हो रही है। इस मौके पर ये मुद्दा पार्टी के लिए भारी पड़ सकता है। क्योंकि अब पार्टी पर सिख भावनाओं की अनदेखी का आरोप लग सकता है। इसलिए आप के लिए यह मामला काफी दिक्कत वाला साबित हो सकता है। दूसरी परेशानी यह भी है कि अब AAP इस पर शायद ज्यादा कुछ करने की स्थिति में भी नहीं है। यदि इस दिशा में कोई निर्णय लिया जाता है तो AAP से गैर सिख वोटर्स नाराज हो सकता है। क्योंकि उन्हें लगेगा कि AAP भी पंजाब के दूसरे सियासी दलों की तरह सिख मतदाताओं के दबाव में हैं। 
 
पंजाब में कई जगह उठ रही है मांग
भुल्लर को लेकर मोहाली, लुधियाना और जालंधर में आवाज तेज हो रही है। किसी ने किसी स्तर पर आप की विरोधी पार्टियां भी मामले को तूल देने की कोशिश में हैं। इस वजह से मुद्दा यदि पंजाब में व्यापक स्तर पर फैल गया तो आप के लिए दिक्कत हो सकती है। दूसरी पार्टियों की पूरी कोशिश है कि मामले को तूल दिया जाए। केंद्र ने क्योंकि बलवंत सिंह राजोआना की सजा को कम कर सिख वोटर्स में एक जगह बना ली है। अब इसे भी आधार बना कर केजरीवाल और आम आदमी पार्टी को घेरने की कोशिश हो रही है। जानकारों का कहना है कि हालांकि चुनाव में यह सिख कैदियों की रिहाई एक बड़ा मुद्दा रहता है। लेकिन अब जिस तरह से यह मामला राजनीति के साथ साथ साथ आस्था से भी जुड़ रहा है। इसलिए यह सिख मतदाता को प्रभावित करने वाला मुद्दा साबित हो सकता है।

Punjab Polls 2022:CM चन्नी बोले- केजरीवाल पर मानहानि का केस करूंगा, माफी मांगने पर भी नहीं छोड़ूंगा, जानें वजह

 

केजरीवाल का डांस, राहुल गांधी ने आंखें दिखाईं, AAP ने CM Face भगवंत मान पर ‘मस्त कलंदर’ का वीडियो पोस्ट किया

Punjab Election 2022: CM चन्नी के भतीजे के ठिकाने से मिले करोड़ों रुपए, Kejriwal बोले-ये आम नहीं बेइमान आदमी

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

राजस्थान में बोरवेल में गिरी 3 साल की मासूम, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी । Kotputli Borewell News । Chetna
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
Delhi Election 2025 से पहले Kejriwal ने दिया BJP की साजिश का एक और सबूत #Shorts
समंदर किनारे खड़ी थी एक्ट्रेस सोनाक्षी सिन्हा, पति जहीर का कारनामा हो गया वायरल #Shorts
पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News