अमृतसर ईस्ट से अकाली दल से बिक्रम मजीठिया और कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू चुनावी मैदान में हैं। अब भाजपा ने भी बड़ा दांव खेला है। यहां से आईएएस अफसर जगमोहन सिंह राजू को मैदान में उतारा है।
चंडीगढ़। ड्रग्स केस में फंसे अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया हाइकोर्ट से राहत मिलते ही चुनावी मोड में आ गए। आज (शुक्रवार) वे सुबह 11 बजे मजीठा विधानसभा सीट से अपना नामांकन पत्र दाखिल करेंगे। उसके बाद दोपहर 12 बजे अमृतसर पूर्व (ईस्ट) सीट से नामांकन पत्र दाखिल करने जाएंगे। बता दें कि इस बार मजीठिया दो सीटों पर चुनाव लड़ रहे हैं और अमृतसर ईस्ट सीट सबसे हॉट बन गई है।
यहां अकाली दल से बिक्रम मजीठिया और कांग्रेस से प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू मैदान में हैं। अब भाजपा ने भी बड़ा दांव खेला है। यहां से आईएएस अफसर जगमोहन सिंह राजू को मैदान में उतारा है। जगमोहन सिंह राजू तमिलनाडु सरकार में चीफ रेजिडेंट कमिश्नर के पद पर तैनात थे। 25 जनवरी को उन्होंने वीआरएस मांगा था। केंद्र सरकार ने राजू की आईएएस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वीकार कर ली है। इससे पहले शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने कहा था कि बिक्रम मजीठिया अमृतसर पूर्व से नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे। सिद्धू का अहंकार खत्म करने के लिए मजीठिया चुनाव लड़ेंगे। वो अहंकारी हो गया है कि उसमें मैं आ गया है, उसे पता चलेगा कि पंजाब की जनता उसे पसंद नहीं करती है।
हाइकोर्ट ने मजीठिया को तीन दिन की अंतरिम राहत दी
बिक्रम मजीठिया ने ड्रग्स केस में जमानत के लिए मोहाली कोर्ट में याचिका दायर की थी। जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था। इसके बाद वे पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट गए। वहां से उन्हें कुछ दिन की अंतरिम राहत मिली। इसके बाद मजीठिया ने हाइकोर्ट से नामांकन भरने के लिए राहत मांगी थी। हाइकोर्ट ने 3 दिन की राहत दे दी। अब मजीठिया ने सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल की है।
मजीठिया पर ड्रग्स तस्कर से संबंध रखने का आरोप
ड्रग्स केस में मजीठिया पर गंभीर आरोप हैं। कहा गया है कि कनाडा के रहने वाले ड्रग तस्कर सतप्रीत सत्ता जब भी पंजाब आता था तो यहां मजीठिया की अमृतसर और चंडीगढ़ स्थित सरकारी कोठी में भी ठहरता था। इतना ही नहीं, मजीठिया ने उसे एक कार और गनमैन दे रखा था। मजीठिया चुनाव के लिए नशा तस्करों से फंड लेते रहे। नशा तस्करों के बीच समझौते करवाने का भी आरोपी बनाया गया है। हालांकि, अकाली दल ने इसे राजनीतिक बदला लेने की कार्रवाई बताया है।
सिद्धू और शिअद में पुरानी राजनीतिक अदावत
बिक्रम मजीठिया और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच राजनीतिक अदावत काफी पुरानी है। जिस वक्त सिद्धू भाजपा में थे, तब उन्होंने एनडीए की सहयोगी पार्टी शिअदल के नेता बिक्रम मजीठिया पर सवाल उठाने शुरू कर दिए थे। माना जाता है कि शिअद की नाराजगी की वजह से ही भाजपा ने 2014 में नवजोत सिंह सिद्धू को अमृतसर से लोकसभा का टिकट नहीं दिया था और यहां से दिवंगत नेता अरुण जेटली को मैदान में उतारा था। हालांकि, जेटली तब ये चुनाव हार गए थे। बाद में सिद्धू कांग्रेस में शामिल हो गए थे।
कौन हैं मजीठिया
बिक्रम मजीठिया एनडीए सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं और पार्टी के तेजतर्रार नेताओं में गिने जाते हैं। शिअद अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के साले हैं और मोदी सरकार में मंत्री रहीं हरसिमरत कौर के भाई हैं। इस बार शिअद बसपा के साथ मिलकर लड़ रही है। इस बार शिअद 97 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बता दें कि 2017 के पंजाब विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने 77 सीटें जीतकर राज्य में पूर्ण बहुमत हासिल किया था और 10 साल बाद शिअद-भाजपा सरकार को बाहर कर दिया।
पंजाब चुनाव में ऐसा है पूरा कार्यक्रम
कुल विधानसभा सीटें- 117
नोटिफिकेशन जारी होने की तारीख- 25 जनवरी
नामांकन की आखिरी तारीख- 1 फरवरी
नामांकन पत्रों की जांच- 2 फरवरी
नाम वापसी की अंतिम तारीख- 4 फरवरी
मतदान- 20 फरवरी
रिजल्ट- 10 मार्च
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