BJP ने बनाया पंजाब का सियासी विजनः किसान-टोहरा परिवार को टिकट, अकालियों में सेंध-अपने दिग्गजों पर खेला दांव

भाजपा की कोशिश रही कि पंजाब के हर तबके को टिकट में शामिल कर यह संदेश दिया जाए कि वह पंजाब के हर वर्ग को साथ लेकर चलने में यकीन रखती है। इसके पार्टी हर जगह से फीड बैक लिया। 

मनोज ठाकुर, चंडीगढ़। गहन मंथन। सटीक रणनीति। टारगेट पर नजर। भाजपा की पहली उम्मीदवारों की सूची पार्टी के पंजाब विजन का मुकम्मल खांका खींचती नजर आ रही है। 34 प्रत्याशियों को फाइनल करने के लिए भाजपा ने हर एंगल को ध्यान में रखा। इसमें किसान, शेड्यूल कास्ट चेहरों के साथ सिख चेहरों को तवज्जो दी। रिटायर्ड आईएएस को भी चुनावी मैदान में उतारा। 

भाजपा की कोशिश रही कि पंजाब के हर तबके को टिकट में शामिल कर यह संदेश दिया जाए कि वह पंजाब के हर वर्ग को साथ लेकर चलने में यकीन रखती है। इसके पार्टी हर जगह से फीड बैक लिया। भाजपा पहली बार बड़ी पार्टी के तौर पर चुनाव मैदान में उतरी है। 2017 के  विधानसभा चुनाव में पार्टी अकाली दल के साठ गठबंधन में 23 सीटों पर चुनाव लड़ी थी। तब भाजपा को तीन सीट मिली थीं। पार्टी का 5.4 प्रतिशत वोट मिला था। पार्टी अब पंजाब में खुद को स्टैंड करने की कोशिश में हैं। यह कोशिश उम्मीदवारों के चयन में साफ देखी जा सकती है।

Latest Videos

इसलिए किसान परिवार को टिकट दिया
डिपार्टमेंट ऑफ मास कम्यूनिकेशन के हेड आशुतोष ने बताया कि तीन कृषि कानूनों के बाद भाजपा पंजाब के किसानों में जबरदस्त विरोध था। भाजपा इस विरोध को कम कर पंजाब में अपनी स्वीकार्यता बढ़ा रही है। पंजाब में भाजपा को शहरी पार्टी के तौर जाना जाता रहा है। टिकट वितरण में 12 किसान परिवारों को टिकट देकर भाजपा ने किसानों को साथ जोड़ने की कोशिश की है। किसानों को यह संदेश दिया कि पार्टी उनका पूरा ध्यान रखती है। कपूरथला से रणजीत सिंह खोजेवाला, तलवंडी साबो से रविप्रीत सिंह, सरदूलगढ़ से जगमीत सिंह मिल्खा व तरणतारन ने नवरीत सिंह जैसे चेहरों को चुनाव मैदान में उतार कर भाजपा ने किसानों को खुश करने की कोशिश की है।

टोहरा परिवार को टिकट दे सिख समुदाय में पैठ बनाने की कोशिश
सिखों के पोप बोले जाने वाले टोहरा परिवार से भाजपा ने अमलोह से कंवरवीर सिंह टोहरा को उम्मीदवार बनाया है। वह पूर्व मंत्री हरमेल सिंह टोहरा के बेटे हैं। उनकी मां कुलदीप कौर शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी की सदस्य हैं। यह गुरचरण सिंह टोहरा के पोते हैं, जो गुरुद्वारा प्रबधंक कमेटी के 27 साल तक अध्यक्ष रह चुके हैं। अकाली दल के सीनियर लीडर थे। टोहरा परिवार की सिख समुदाय में जबरदस्त पकड़ है। भाजपा की कोशिश है कि सिखों के बडे़ सियासी चेहरो का आगे किया जा सके। कंवरवीर सिंह टोहरा हालांकि अकाली दल में थे। उन्होंने पटियाला देहात से टिकट मांगा था, लेकिन नहीं मिला, तो वह भाजपा में आ गए थे।

अकालियों में भी लगाई सेंध
इसी तरह से दीदार सिंह भट्ठी को फ्तेहगढ़ साहिब से उम्मीदवार बनाया। भट्टी अकाली दल के पूर्व विधायक हैं, इसके साथ ही 10 साल से हल्का इंचार्ज रहे हैं। आसपास के सिखों में उनकी अच्छी पकड़ है। इसी तरह से खन्ना से पार्टी उम्मीदवार गुरप्रीत सिंह भट्टी बादल परिवार के काफी करीबी माने जाते थे। सुखबीर के बेहद खास थे, लेकिन 2012 में मनप्रीत बादल की पंजाब पीपुल्स पार्टी से चुनाव लड़ा। 2017 में आम आदमी पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ा। एक बार फिर से पार्टी बदल कर भाजपा में आए हैं।

शेड्यूल वोटर्स को भी साधने की कोशिश
बलाचोर से अशोक बाट को अपना उम्मीदवार बनाया। वह पूर्व आईपीएस अधिकारी हैं और गुर्जर समाज से संबंध रखते हैं। बलाचोर में गुर्जर समाज का अच्छा खासा वोट है। भाजपा की कोशिश है कि अशोक बाट के माध्यम से गुर्जर वोट में सेंधमारी की जाए। इसके साथ ही इस वर्ग के दूसरे मतदाता को भी पार्टी के साथ जोड़ने की कोशिश की गई है। सीनियर पत्रकार हरबंस सिंह चीमा ने बताया कि भाजपा के बारे में यह बोल दिया जाता है कि यह पार्टी शहरी और व्यापारियों की पार्टी है। पंजाब में टिकट वितरण में पार्टी ने इस मिथक को भी तोड़ने की कोशिश की है। 

बीजेपी ने इनको भी दिया टिकट
भाजपा ने जगराव से कंवर नरेंद्र सिंह, जब्बेवाल से डॉक्टर दिलबाग राय, बंगा से मोहन लाल बंगा, भूच्चो मंडी से रूपेंद्र सिंह सिद्धू, दीनानगर से रेणू कश्यप, हरगोबिंदपुर से बलजिंद्र सिंह और जालधंर वेस्ट से चुन्नी लाल के बेटे महेंद्र पाल भगत को भी टिकट दिया है। चुन्नी लाल पूर्व मंत्री और चार बार विधायक रह चुके हैं। भाजपा के बडे़ नेताओं में इनका नाम शामिल रहा है।  

रिटायर्ड आईएएस साबित हो सकते हैं मजबूत उम्मीदवार
लुधियाना जिले की गिल विधानसभा आरक्षित है। यहां से भाजपा ने पूर्व आईएएस अधिकारी एसआर लडर को अपना उम्मीदवार बनाया है। लुधियाना अनाज मंडी में जो कीर्ति बचाओ किसान बचाओ संविधान बचाओ रैली में बड़ी संख्या में किसान मजबूर और अन्य लोग आए थे, यह रैली रिटायर्ड आईएएस अधिकारी एसआर लडर ने आयोजित की थी। लडर की शेड्यूल में अच्छी खासी पकड़ है। किसान मजबूर संघर्ष कमेटी के साथ इनकी काफी नजदीकी है। इस तरह से भाजना इनके दम पर इस तबके में पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।  

अपने दिग्गजों पर भी दांव खेला
इसके अलावा भाजपा ने अपने पूर्व दिग्गजों पर भी दांव खेला है। इसमें जालधंर नार्थ से दो बार के विधायक और मुख्य संसदीय सचिव कृष्ण देव भंडारी, अबोहर के विधायक अरूण नारंग, होशियारपुर से तीन बार के विधायक तीक्षण सूद, फाजिल्का से पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सुरजीत सिंह ज्यानी को भी चुनाव मैदान में उतारा है।

हर किसी की नजर भाजपा की लिस्ट पर टिकी थी 
सोशल स्टडीज के प्रोफेसर डॉक्टर अमरदीप सिंह गिल ने बताया कि बड़े स्तर पर भाजपा चुनाव तो पहली बार लड़ रही है, लेकिन टिकट वितरण में साबित कर दिया कि पंजाब की नब्ज को समझ लिया है। इतने बड़े स्तर पर चुनाव लड़ने के लिए पार्टी तैयार है। ज्यादातर मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारे है। अब उम्मीदवारों की बारी है, वह पार्टी के साथ कितने मतदाताओं को जोड़ पाते हैं। डॉक्टर गिल ने बताया कि भाजपा की लिस्ट पर लंबे समय से नजर टिकी हुई थी। हर कोई जनना चाहता था कि उम्मीदवार कौन होंगे? पहले तो यह भी माना जाता रहा कि भाजपा मजबूत उम्मीदवारों की तलाश में दूसरी पार्टी के बागियों को टिकट देगी। लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ।

बिक्रम मजीठिया बोले- आज CM चन्नी के करोड़ों के घोटाले का पर्दाफाश करूंगा, कांग्रेस आलाकमान तक पैसे गए

Punjab Election 2022: BJP ने प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी कुमार शर्मा को पठानकोट से चुनावी मैदान में उतारा

Share this article
click me!

Latest Videos

पहले गई सीरिया की सत्ता, अब पत्नी छोड़ रही Bashar Al Assad का साथ, जानें क्यों है नाराज । Syria News
Mahakumbh 2025: महाकुंभ में तैयार हो रही डोम सिटी की पहली झलक आई सामने #Shorts
The Order of Mubarak al Kabeer: कुवैत में बजा भारत का डंका, PM मोदी को मिला सबसे बड़ा सम्मान #Shorts
LIVE 🔴: रविशंकर प्रसाद ने भाजपा मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया | Baba Saheb |
20वां अंतरराष्ट्रीय अवॉर्ड, कुवैत में 'द ऑर्डर ऑफ मुबारक अल कबीर' से सम्मानित हुए पीएम मोदी