Punjab Election 2022 : आम आदमी पार्टी की कमान दिल्ली के CM अरविद केजरीवाल ने संभाली

Published : Jan 13, 2022, 10:08 AM IST
Punjab Election 2022 : आम आदमी पार्टी की कमान दिल्ली के CM अरविद केजरीवाल ने संभाली

सार

चुनावी कैंपेन में जुटे अरविंद केजरीवाल के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि संयुक्त समाज मोर्चा अब खुद भी चुनाव मैदान में आ गया है। इस वजह से आम आदमी पार्टी को खासा नुकसान हो रहा है। इस बात को अरविंद केजरीवाल भी स्वीकार करते हैं। 

चंडीगढ़ : पंजाब में विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) में आम आदमी पार्टी (AAP) काफी एक्टिव दिखाई दे रही है। पार्टी में बगावत, संयुक्त समाज मोर्च (SSM) के चुनाव लड़ने के ऐलान से बैकफुट पर आई आम आदमी पार्टी के चुनाव प्रचार की कमान दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने संभाल ली है। वह लगातार पंजाब का दौरा कर जनसंपर्क अभियान चलाए हुए हैं। उनकी हर संभव कोशिश है कि अपनी बात मतदाता तक पहुंचाई जाए। 

AAP के सामने चुनौती बना संयुक्त समाज मोर्चा
चुनावी कैंपेन में जुटे अरविंद केजरीवाल के लिए सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि संयुक्त समाज मोर्चा अब खुद भी चुनाव मैदान में आ गया है। इस वजह से आम आदमी पार्टी को खासा नुकसान हो रहा है। इस बात को अरविंद केजरीवाल भी स्वीकार करते हैं। उन्होंने दावा किया कि संयुक्त समाज मोर्चा के साथ उन्होंने समझौता करने की बात की थी। लेकिन यह बात सिरे नहीं चढ़ पाई। क्योंकि मोर्चा 60 सीट मांग रहा था। तीन कृषि कानूनों को लेकर पंजाब के किसानों ने बड़ी संख्या में दिल्ली (Delhi) में प्रदर्शन किया था। आम आदमी पार्टी किसानों को इस मुद्​दे पर समर्थन देती रही। आप की पकड़ ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा है। यह भी एक कारण है कि केजरीवाल मोर्चा के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। लेकिन सीट बंटवारे पर उनकी बात नहीं बनी। 

ग्रामीण मतदाताओं पर फोकस
पंजाब की राजनीति पर नजर रखने वाले वीरेंद्र सिंह भारत ने बताया कि केजरीवाल अब इस बात का प्रचार कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए वह इस बात का प्रचार कर रहे हैं। जिससे ग्रामीण मतदाता आम आदमी पार्टी की ओर आ सके। लेकिन ऐसा संभव होता नजर नहीं आ रहा है। क्योंकि पंजाब के किसान व ग्रामीण मतदाता में किसानों की पकड़ काफी मजबूत है। जिसका सीधा नुकसान आम आदमी पार्टी को होता नजर आ रहा है। हालांकि केजरीवाल दिल्ली मॉडल को सामने रख कर इसकी भरपाई करने की कोशिश में जुटे हुए हैं। 

AAP का पंजाब मॉडल
केजरीवाल ने कहा, हम राज्य को विकसित और समृद्ध बनाने के लिए 10 सूत्रीय 'पंजाब मॉडल' लेकर आए हैं। राज्य में रोजगार के अवसर पैदा होंगे और वे युवा जो कनाडा सहित हरे-भरे चरागाहों में चले गए हैं। वे अपने प्रांत में नौकरी पाकर लौटने के बारे में सोचेंगे। वे अगले 5 वर्षों में लौट आएंगे। 

'हमारा लक्ष्य नशा मुक्त पंजाब'
अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, हमारा लक्ष्य पंजाब को नशा मुक्त राज्य बनाना है। पंजाब में राजनेताओं और ड्रग माफिया के बीच गठजोड़ है। अगर आप की सरकार बनती है तो हम इस सिंडिकेट को तोड़ देंगे। उन्होंने कहा कि नशे  पर रोक लगाना आप की प्राथमिकता होगी। पंजाब में नशा माफिया सक्रिय है। कांग्रेस ने इस पर रोक लगाने का वायदा किया था, लेकिन इसे पूरा नहीं किया। ड्रग माफिया को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है। हम इस माफिया का तोड़ने का काम करेंगे। 

'शांति और सद्भाव बनाएंगे'
बेअदबी के मुद्दे पर केजरीवाल ने कहा, पंजाब में अभद्रता की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति बनी हुई है। ईशनिंदा मामले के दोषियों को न्याय के कटघरे में खड़ा किया जाएगा। हम राज्य में सद्भाव और शांति वापस लाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में शांति, सौहार्द और भाईचारा कायम रखना और अभद्रता के मामलों में न्याय देना और दोषियों को कड़ी सजा देना भी पार्टी के एजेंडे में है। 

'पंजाब को भ्रष्टाचार मुक्त बनाएंगे'
उन्होंने एक भ्रष्टाचार मुक्त पंजाब का भी वादा किया। केजरीवाल ने कहा, पंजाब पर 3 लाख करोड़ रुपए का कर्ज है। हम भ्रष्टाचार मुक्त राज्य बनाएंगे। जहां आम आदमी, जिसे अपना काम करने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है, अब ऐसा नहीं करना पड़ेगा।

'स्वास्थ्य हमारी प्राथमिकता'
आप के 'पंजाब मॉडल' एजेंडे के अन्य बिंदुओं में केजरीवाल ने राज्य में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार करने का वादा किया, जहां सरकारी स्कूलों और अस्पतालों की स्थिति में सुधार किया जाएगा और स्वास्थ्य क्षेत्र में 16,000 'मोहल्ला क्लीनिक' भी खोले जाएंगे। सभी नागरिकों को मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान किया जाएगा। इससे पहले, दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था कि आप 18 वर्ष से अधिक उम्र की प्रत्येक महिला को 1,000 रुपए का भुगतान करेगी। 

'पंजाब को राजनीतिक दलों ने लूटा'
केजरीवाल ने कहा कि 1966 में पंजाब अलग राज्य बना। तब से लेकर आज तक कांग्रेस ने पंजाब में 25 साल और बादल परिवार ने 19 साल तक राज किया। दोनों ने एक तरह की साझेदारी से राज्य पर शासन किया। चाहे बादल पार्टी सत्ता में आए या कांग्रेस, उन्होंने साझेदारी में अपनी सरकारें चलाईं। जब उनकी सरकार सत्ता में आई, तो उन्होंने कभी एक-दूसरे के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बादल परिवार और कांग्रेस पर राज्य को लूटने का आरोप लगाते हुए कहा कि इस बार जनता ने इस गठबंधन को तोड़कर आम पंजाबियों के लिए अवसर की सरकार लाने का मन बना लिया है। 

एक नया पंजाब बनाएंगे - केजरीवाल
सत्ता में आने पर आप के एजेंडे का जिक्र करते हुए केजरीवाल ने कहा कि वह, आप की प्रदेश इकाई के अध्यक्ष भगवंत मान और अन्य नेता पिछले कई हफ्तों से पंजाब का दौरा कर रहे हैं और लोगों और लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। पंजाब मॉडल" पार्टी के विभिन्न वर्गों के इनपुट पर आधारित है। केजरीवाल ने कहा, जब आप की सरकार बनेगी तो हम एक नया पंजाब बनाएंगे जो समृद्ध होगा और जो विकास की शुरुआत करेगा।

'असंतोष बढ़ाएंगे परेशानी'
पंजाब के सीनियर पत्रकार सुखबीर सिंह ने कहा कि आम आदमी पार्टी के लिए सबस बड़ी परेशानी तो यह है कि टिकट वितरण के बाद बगावत हो रही है। आम आदमी पार्टी के सहप्रभारी राघव चढ्ढा के साथ जालंधर में पत्रकारवार्ता के दौरान जमकर हंगामा किया। आम कार्यकर्ताओं ने राघव चढ्ढा को घेराव कर टिकट वितरण पर असंतोष जता रहे थे। कई कार्यकर्ता आपस में भिड़ भी गए। मोहाली में भी टिकट को लेकर आम आदमी पार्टी में खासा विवाद बना हुआ है। इसी तरह से पंजाब की कई अन्य सीटों पर भी टिकट को लेकर पार्टी में असंतोष है। जिसे पार्टी कम नहीं कर पा रही है। यह आम आदमी पार्टी की बड़ी परेशानी है। सुखबीर सिंह कहते हैं कि आम आदमी पार्टी फिर भी ग्रामीण क्षेत्रों में मजबूत है। अब देखना यह होगा कि क्या इस मजबूती को पार्टी वोट में तब्दील कर पाती है। क्योंकि पिछले विधानसभा चुनाव में भी पार्टी की पकड़ मजबूत थी। लेकिन पार्टी सत्ता से दूर रही। यह जरूर है कि तब पार्टी 20 सीट जीत कर पंजाब में प्रमुख विपक्षी दल बन गई थी। देखना होगा क्या इस बार भी आम आदमी पार्टी पिछली बार की तरह का कोई करिश्मा कर पाती है।

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