पंजाब में सबसे ज्यादा हिंदू वोटरों की संख्या है। सूबे में हिंदू वोटर 38.49 वोट प्रतिशत के साथ सबसे अधिक हैं। इसके बाद 31.94 प्रतिशत के साथ अनुसूचित जाति वर्ग के वोटर दूसरे नंबर पर और जट सिख 19 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ तीसरे नंबर पर हैं। 10.57 प्रतिशत अन्य वर्ग हैं।
चंडीगढ़ : पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव (Punjab Election 2022) को लेकर राजनीतिक दल जीत का फॉर्मूला तैयार करने में जुट गए हैं। वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए हर तरह के दांव-पेंच आजमाए जा रहे हैं। दो उप मुख्यमंत्री के फॉर्मूले को लेकर चुनाव लड़ रहे शिरोमणि अकाली दल (Shiromani Akali Dal) के चीफ सुखबीर सिंह बादल (Sukhbir Singh Badal) ने शनिवार को बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सूबे में शिअद-बसपा गठबंधन की सरकार बनने पर दो उप मुख्यमंत्रियों में से एक मायावती (Mayawati) के अगुवाई वाली पार्टी बसपा (BSP) से होगा।
शिअद-बसपा गठबंधन
पंजाब में गठबंधन के तहत 117 विधानसभा सीटों पर शिअद 97 और बसपा 20 सीटों पर प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतार रही है। सुखबीर सिंह बादल बसपा के साथ गठबंधन कर राज्य के अनुसूचित वर्ग के वोट को साधने की कोशिश की है। इस चुनाव में शिअद ने एक हिंदू और दूसरा एससी वर्ग से उपमुख्यमंत्री बनाने की घोषणा कर दी है। सुखबीर बादल ने तय किया है कि एक उप मुख्यमंत्री बसपा के कोटे से तय किया जाएगा। सुखबीर ने कहा है कि पंजाब में यदि गठबंधन की सरकार बनती है तो एक उपमुख्यमंत्री बसपा के कोटे से बनाया जाएगा। सुखबीर ने कहा है कि यह चेहरा कौन होगा इसका फैसला बसपा तय करेगी। बता दें कि कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद कांग्रेस (congress) भी शिअद के फॉर्मूले पर ही चुनाव लड़ रही है। मुख्यमंत्री के साथ कांग्रेस आलाकमान ने दो उप मुख्यमंत्री लगाए हैं।
पहली बार बिना भाजपा मैदान में
बता दें कि 2022 के होने वाले चुनावी रण में शिरोमणि अकाली दल पहली बार भाजपा (BJP) के बिना चुनाव मैदान में उतरेगा। केंद्र के तीनों कृषि कानूनों के विरोध में शिअद ने अपने 24 साल पुराने राजनीतिक सहयोगी भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था। जिसके बाद शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी।
पंजाब में जातीय समीकरण
पंजाब में जातीय समीकरण की बात करें तो राज्य में सबसे ज्यादा हिंदू वोटरों की संख्या है। सूबे में हिंदू वोटर 38.49 वोट प्रतिशत के साथ सबसे अधिक हैं। इसके बाद 31.94 प्रतिशत के साथ अनुसूचित जाति वर्ग के वोटर दूसरे नंबर पर और जट सिख 19 प्रतिशत वोट प्रतिशत के साथ तीसरे नंबर पर हैं। 10.57 प्रतिशत अन्य वर्ग हैं। यही कारण है की सभी सियासी दल राजनीतिक समीकरण के साथ ही जातीय समीकरण को साध कर चल रहे हैं।
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