मनी लॉन्ड्रिंग केस में सुखपाल खैरा जेल में, कांग्रेस ने बना दिया कंडीडेट, अब विवाद बढ़ा तो केजरीवाल भी फंसेंगे

अब कांग्रेस के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर खैरा को पार्टी से निकालने की मांग की है। पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार सुखदेव सिंह का कहना है कि यह सोचने वाली बात है कि खैरा के खिलाफ अब राणा ने यह मांग क्यों उठाई? 

Asianet News Hindi | Published : Jan 24, 2022 5:52 AM IST

मनोज ठाकुर, चंडीगढ़। सुखपाल सिंह खैरा यानी पंजाब की राजनीति का विवादित चेहरा। मनी लॉन्ड्रिंग के साथ-साथ ड्रग माफिया से संबंध के आरोप। अब उन्हें कांग्रेस ने भोलथा सीट से अपना उम्मीदवार बनाया। खैरा इस वक्त जेल में हैं। कांग्रेस ही क्यों? एक वक्त वह आम आदमी पार्टी के भी चहेता रहे हैं। अरविंद केजरीवाल की AAP से वह भोलथा विधायक चुने गए। इस बार की पंजाब विधानसभा में वह विपक्ष के नेता भी रहे। 

हालांकि, आम आदमी पार्टी ने उन्हें 2018 में इस पद से हटा दिया। इसके बाद खैरा ने AAP से बगावत कर दी। उन्होंने 2019 में अपनी पार्टी पंजाबी एकता पार्टी बनाई। 2019 का विधानसभा चुनाव लड़ा। लेकिन हार गए। बाद में कांग्रेस में जब कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू का विवाद चल रहा था, तब कैप्टन ने उन्हें कांग्रेस जॉइन करा दी। विवादों के बाद भी कांग्रेस ने ना सिर्फ पार्टी शामिल किया, बल्कि जेल में बंद होने के बावजूद भी भोलथा सीट से टिकट दे दिया है। 

Latest Videos

अब बाहर निकालने के लिए सोनिया गांधी को पत्र
अब कांग्रेस के मंत्री राणा गुरजीत सिंह ने सोनिया गांधी को पत्र लिख कर खैरा को पार्टी से निकालने की मांग की है। पंजाब के वरिष्ठ पत्रकार सुखदेव सिंह का कहना है कि यह सोचने वाली बात है कि खैरा के खिलाफ अब राणा ने यह मांग क्यों उठाई? यह मांग तो उन्हें बहुत पहले उठानी चाहिए थी। उन्होंने बताया कि खैरा को कांग्रेस में लेकर तो कैप्टन आए थे और अब उन्होंने पार्टी छोड़ दी। इसके बाद भी सीएम चरणजीत सिंह चन्नी और प्रदेशाध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने खैरा पर सवाल नहीं उठाया। यहां तक कि उन्हें टिकट भी दे दिया गया। 

चेहरा विवादित, लेकिन AAP-Congress को परहेज नहीं
सुखदेव कहते हैं कि खैरा पंजाब की राजनीति का वह विवादित चेहरा हैं, जिसे देखकर यहां की राजनीति समझी जा सकती है। ड्रग तस्करों से संबंध, फर्जी पासपोर्ट जैसे आरोप खैरा पर लगते हैं। इसके बाद भी वह पहले आप फिर कांग्रेस में शामिल हो जाते हैं। 

केजरीवाल ने कैबिनेट मंत्री स्तर का पद दिया, सोचा भी नहीं
आम आदमी पार्टी तो पंजाब में भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था देने का दावा करती है, एक वक्त खैरा उनकी पार्टी का विधानसभा में विपक्ष का नेता था। यानी कैबिनेट मंत्री स्तर का दर्जा। इतना ही नहीं, वह केजरीवाल जो हर छोटी- छोटी बात पर सर्वे, रिसर्च और रायशुमारी की बात करते हैं, क्यों उन्होंने खैरा के बारे में पता नहीं कराया? यह अलग बात है- विवाद जब ज्यादा बढ़ा तो खैरा को इस पद से हटा दिया। लेकिन, एक वक्त तो आप आदमी पार्टी का वह प्रमुख चेहरा रहे हैं। 

पीएस के फोन से तस्करों से बात करते थे खैरा
खैरा का 2015 में फाजिल्का के एक ड्रग तस्करी में भी नाम आया था। जो तस्कर पकड़े गए, उनसे दो किलो हेरोइन, 24 सोने के बिस्किट, दो पाकिस्तानी सिम और एक पिस्टल बरामद हुई थी। खैरा पर आरोप है कि वह अपने पर्सनल सेक्रेटरी के फोन से तस्करों से बात करते थे। उस पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप लगे। तब ईडी ने उनके ठिकानों पर छापे मारे। बाद में ईडी ने मार्च 2021 में उसे गिरफ्तार कर लिया और जेल भेज दिया। इसलिए खैरा का मामला यदि पंजाब विधानसभा चुनाव में उठता है तो कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी भी लपेटे में आ सकती है। क्योंकि एक सवाल तो अरविंद केजरीवाल से भी बनता है? क्यों खैरा को इतना नवाजा गया? 

माफियाओं पर सवाल उठाते, लेकिन खुद माफियाओं को पार्टियों में रखते
पंजाब इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंस के प्रोफेसर एसएस विर्क ने बताया कि जब इस तरह के मामलों में नेताओं का नाम आता है, निश्चित ही आम आदमी के मन में भय पैदा होता है। आखिर यह नेता कर क्या रहे हैं। पंजाब के मामले में तो दिक्कत यह है कि यहां के कई सीनियर नेताओं पर माफिया, नशा तस्करों का साथ देने के आरोप लगते रहते हैं। लगभग सभी दल इस तरह के मामले उठाते हैं, लेकिन बाद में पता चलता है कि उनकी पार्टी में भी ऐसा ही कुछ चल रहा है। यह आरोप पंजाब की राजनीति का वह चेहरा है जो डराता है। पंजाब जो देश और विदेश में समृद्ध राज्य के तौर पर जाना जाता है, वहां की राजनीति का यह हाल है। निश्चित ही यह पंजाब की छवि को खराब कर रहा है। 

लेकिन दिक्कत यह है कि इसे दूर करेगा भी कौन? 
पंजाबी के सीनियर पत्रकार सुखबीर सिंह ने बताया कि नवजोत सिंह सिद्धू जो बार बार पंजाब से माफिया को खत्म करने की बात करते हैं, उनकी प्रधानगी में कैसे खैरा को टिकट दे दिया गया। मंत्री राणा ने जो सवाल उठाया है, निश्चित ही इसका जवाब सिद्धू को देना चाहिए। यह नौबत तो आनी ही नहीं चाहिए थी । यदि प्रदेशाध्यक्ष अपनी बात पर खरे उतरते तो खैरा को टिकट देने का सवाल ही नहीं था। यदि टिकट दिया गया तो इसमें किसी न किसी स्तर पर प्रधान की सहमति है। अब जबकि उनकी सरकार के मंत्री ही सवाल उठा रहे हैं तो फिर प्रधान को आगे आकर इसका जवाब देना चाहिए। 

अब विपक्षी कर सकते हैं लामबंदी
अभी तो सवाल कांग्रेस के मंत्री ने ही अपनी पार्टी पर उठाया है, लेकिन जैसे जैसे चुनाव प्रचार आगे बढ़ेगा तो विपक्ष भी इस मामले में कांग्रेस को घेरने की कोशिश करेगा। इसलिए खैरा के विवादों की आंच न सिर्फ कांग्रेस, बल्कि आप से होते हुए प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू तक भी पहुंचेगी। जिससे वह चाहकर भी बच नहीं सकते। निश्चित ही उनसे सवाल होंगे। अब भले ही वह चुप हो जाएं, लेकिन पंजाब के जिए यह मुद्दा बड़ा तो है ही।

कौन हैं PLC के दिग्गज उम्मीदवार, कभी हार न मानने वाले कैप्टन अमरिंदर क्या दूसरी बार करिश्मा कर पाएंगे, जानें?

विवादों में पंजाब कांग्रेस : मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में जेल में बंद सुखपाल खैहरा को पार्टी से निकालने की मांग

प्रकाश सिंह बादल ने की 1993 Delhi Bomb Blast के दोषी भुल्लर की रिहाई की मांग, कहा- केजरीवाल नहीं कर रहे साइन

Punjab Election 2022: अमरिंदर सिंह ने कहा- सिद्धू को जीतने नहीं दूंगा, उसके पास दिमाग नहीं

कैप्टन अमरिंदर सिंह की पार्टी PLC ने 22 उम्मीदवारों की सूची जारी की, देखें कौन-कहां से चुनाव लड़ेगा

Read more Articles on
Share this article
click me!

Latest Videos

कौन हैं मुकेश अहलावत? आतिशी की टीम सबसे ज्यादा इनकी चर्चा क्यों
Odisha Case: Rahul Gandhi ने Army अधिकारी की मंगेतर से थाने में बर्बरता पर साधा निशाना
PM Modi ने बाइडेन को गिफ्ट की चांदी की ट्रेन, फर्स्ट लेडी को दी पश्मीना शॉल, जानें क्या है खास
Tirupati Laddu Prasad: गिरिराज सिंह ने की सबसे बड़ी मांग, ओवैसी और राहुल को जमकर सुना डाला
पितरों को करना है प्रसन्न, घर में ही कर सकते हैं ये 10 उपाय । Pitra Paksh