
चंडीगढ़। पंजाब (Punjab) के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की और अपनी उपलब्धियां गिनाईं। उन्होंने कहा कि जो वादे किए, वे पूरे किए। उन्होंने खुद को सैनिक बताया और कहा- पंजाब की सुरक्षा मेरे लिए सबसे महत्वपूर्ण है और सुरक्षा के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा। कैप्टन ने कहा कि मैं एक पार्टी बना रहा हूं। अब सवाल ये है कि पार्टी का नाम क्या है, ये मैं आपको नहीं बता सकता, क्योंकि ये मैं खुद नहीं जानता। जब चुनाव आयोग पार्टी के नाम और चिह्न को मंजूर करता है, मैं आपको बता दूंगा। इसके साथ ही अमरिंदर ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्दू को खुला चैलेंज दिया। उन्होंने कहा- जहां तक सिद्धू (नवजोत सिंह सिद्धू) की बात है, वे राज्य की जिस सीट से भी चुनाव लड़ेंगे, हम उनके खिलाफ लड़ेंगे और खुद उन्हें टक्कर देंगे।
पूर्व सीएम ने कहा कि सुरक्षा उपायों को लेकर जो मेरा मखौल उड़ाते हैं, मैं 10 साल सेना में रहा हूं। दूसरी तरफ मैं 9.5 साल पंजाब का गृह मंत्री रहा और संवेदनशील मुद्दे मेरे अधीन थे। जो एक महीने गृह मंत्री रहा, वो कहता है कि वो मुझसे ज्यादा जानता है। उन्होंने कहा कि हम चुनाव (Punjab Election) के लिए पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने ये भी कहा कि बतौर मुख्यमंत्री मैं अपने सभी वादे पूरे कर लेता। मीडिया से रूबरू होने के बाद कैप्टन आज ही दिल्ली रवाना हो जाएंगे। वे वहां केंद्रीय मंत्रियों के साथ ही भाजपा के दिग्गज नेताओं से मुलाकात करेंगे। सूत्रों के अनुसार, कैप्टन वहां कांग्रेस के भी नाराज नेताओं के साथ बैठक करेंगे।
लोगों को डराने वाले ना वोट जीत पाएंगे और न दिल से
प्रेस कॉन्फ्रेंस से पहले अमरिंदर ने ट्वीट करते हुए कहा कि ‘अब पटियाला और अन्य स्थानों पर मेरे समर्थकों को डराने का प्रयास हो रहा है। क्योंकि वह सिर्फ मेरे साथ खड़े हैं। ये काम पूरी तरह मूर्खतापूर्ण है। मेरे साथ खड़े रहने वाले लोग पंजाब की शांति और विकास के लिए काम करना चाहते हैं और करते रहना चाहते हैं। आप हमें ऐसी निम्न स्तर की राजनीति से नहीं हरा सकते और हम पंजाब के भविष्य के लिए निश्चित रूप से लड़ते रहेंगे।’
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सुरक्षा के मुद्दे पर मेरा मजाक बना रहे कुछ लोग
कैप्टन ने कहा कि मैं पार्टी फॉर्मेशन पर कोई बात नहीं करूंगा, क्योंकि मैं कुछ और बात करना चाहता हूं। चुनाव आयोग जैसे ही हमें पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न आवंटित करता है, हम इस बारे में सबको बताएंगे। हमारे वकील इस काम में लगे हैं। उन्होंने कहा- कोई भी पंजाब में अशांति नहीं चाहता है। हमें ये समझना होगा कि पंजाब ने बहुत बुरा दौर देखा है। सुरक्षा के मुद्दे पर वे मेरा मजाक बनाते हैं। मेरी बेसिक ट्रेनिंग एक सैनिक की रही है। 10 साल तक मैंने सेवा दी है। मेरी ट्रेनिंग पीरियड से लेकर जब मैंने आर्मी छोड़ी, तब से मुझे बेसिक्स पता है।
कैप्टन बोले- ड्रोन आने की वजह से बीएसएफ का दायरा बढ़ाया
कैप्टन ने कहा कि हम सभी 117 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे। मैं कल गृह मंत्री अमित शाह से मिलूंगा। मैं इस मुद्दे (किसानों के मुद्दे) पर उनसे तीन बार पहले भी मिल चुका हूं। भारत सरकार जानती है कि ड्रोन आ रहे हैं, मुझे लगता है कि ये उन कारणों में से एक कारण है जिसकी वजह से उन्होंने बीएसएफ रेंज को 50 किलोमीटर तक बढ़ाया है।
इधर, चन्नी सरकार खुलकर विरोध में
पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा कि हम केंद्र सरकार से अपील करते हैं कि 7 नवंबर तक तीन कृषि कानून और BSF के अधिकार क्षेत्र के विस्तार को लेकर जो अधिसूचना जारी की है उसे वापस लें। अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो हम 8 नवंबर को विशेष सत्र में इनको रद्द करेंगे।
नई पार्टी के नाम में हो सकता कांग्रेस शब्द का इस्तेमाल..
इधर, कैप्टन के करीबी सांसद जसबीर सिंह डिंपा ने ट्वीट किया था, जिसमें उन्होंने संकेत दिए थे कि कैप्टन की नई पार्टी के नाम में कांग्रेस का नाम शामिल होगा। जिस प्रकार ममता बनर्जी ने तृणमूल कांग्रेस और शरद पवार ने नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी बनाई है, उसी प्रकार से कैप्टन भी अपनी पार्टी के नाम में कांग्रेस शब्द को शामिल करेंगे।
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इससे पहले कैप्टन ने पिछले हफ्ते कहा था कि वह जल्द ही अपनी नई पार्टी का ऐलान करेंगे और अगर 3 कृषि कानूनों को लेकर किसानों के हित में कुछ समाधान निकलता है तो वह भाजपा के साथ 2022 के चुनाव में सीटों के समझौते के लिए भी तैयार होंगे। चर्चा है कि अमरिंदर के साथ कांग्रेस के दिग्गज नेता भी पाले में आ सकते हैं। खासकर, चरणजीत चन्नी (Charanjit Singh Channi) के मुख्यमंत्री बनने के बाद मंत्री पद से हटाए विधायकों पर भी सबकी नजर है। इनमें राणा गुरमीत सोढ़ी, साधु सिंह धर्मसोत, गुरप्रीत कांगड़, बलबीर सिद्धू और शाम सुंदर अरोड़ा शामिल हैं। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस के करीब 15 विधायक अमरिंदर के संपर्क में हैं।
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