कांग्रेस में कलह : पंजाब में सीएम के बाद अब प्रभारी हरीश रावत की भी छुट्टी, इस कद्दावर नेता को मिला चार्ज

हरीश रावत को भी इस बात के संकेत मिल गए थे कि उनकी छुट्‌टी हो सकती है। इसी वजह से वह कई बार पंजाब प्रभारी पद की इच्छा जताते रहे। इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनावी कैंपेन की बात कही।

Asianet News Hindi | Published : Oct 22, 2021 11:10 AM IST

चंडीगढ़ : कांग्रेस (congress) ने  पंजाब (punjab) में बड़ा फेरबदल करते हुए हरीश रावत (harish rawat) की प्रदेश प्रभारी पद से छुट्‌टी कर दी है। उनकी जगह राजस्थान के कैबिनेट मंत्री हरीश चौधरी (harish chaudhary) को पंजाब कांग्रेस का प्रभारी बनाया है। हरीश रावत कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) और नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot singh sidhu) की कलह को सही ढंग से हैंडल नहीं कर पाए थे। इस वजह से कांग्रेस हाईकमान की नाराजगी की खबरें भी सामने आ रही थी। कैप्टन के तख्ता पलट के बाद सिद्धू की सीएम चरणजीत चन्नी से टक्कर हो गई। जिसे सुलझाने रावत पंजाब आना चाहते थे लेकिन हाईकमान ने उन्हें रोक दिया। उनकी जगह राजस्थान सरकार में मंत्री हरीश चौधरी को भेजा गया। जो अब तक हालात को संभाल कर बैठे हुए हैं।

दिल में पंजाब
पद से छुट्टी के बाद हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा, पंजाब के दोस्तों खासकर कांग्रेसजन मैं आपके प्यार और समर्थन को नहीं भूल सकता। मैं आपसे अलग नहीं हूं। पार्टी के प्रति कर्तव्य की पुकार है कि मैं एक स्थान उत्तराखंड में पूरी शक्ति लगाऊं। मेरे दिल में हमेशा पंजाब रहेगा।

 

हरीश ने पद से हटने की इच्छा जताई
इधर, हरीश रावत को भी इस बात के संकेत मिल गए थे कि उनकी छुट्‌टी हो सकती है। इसी वजह से वह कई बार पंजाब प्रभारी पद की इच्छा जताते रहे। इसके लिए उन्होंने उत्तराखंड में कांग्रेस के चुनावी कैंपेन की बात कही। उत्तराखंड में कांग्रेस की तरफ से हरीश रावत सीएम पद के दावेदार भी हैं। जब अंतिम फैसला हो चुका था तो पहले ही रावत ने सोशल मीडिया पर इस बारे में पोस्ट डाल दी।

राहुल से मुलाकात के बाद फैसला
हरीश चौधरी पंजाब में अमरिंदर के तख्ता पलट के बाद चंडीगढ़ में डटे हुए थे। उन्होंने गुरुवार को राहुल गांधी को पंजाब कांग्रेस को लेकर रिपोर्ट सौंपी। इसके बाद यह फैसला हुआ कि अब पंजाब में हरीश चौधरी ही नए प्रभारी होंगे। 

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चौधरी के लिए नया नहीं पंजाब
नए कांग्रेस इंचार्ज हरीश चौधरी के लिए पंजाब नया नहीं है। वह पंजाब कांग्रेस के सह इंचार्ज रह चुके हैं। इसके अलावा जब अमरिंदर का तख्ता पलट हुआ तो अजय माकन के साथ चौधरी को ही कांग्रेस पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा गया था। सिद्धू और सीएम चन्नी के बीच हुई कलह को ठंडा करने में भी चौधरी की अहम भूमिका रही। हरीश चौधरी राजस्थान सरकार में राजस्व मंत्री है। कांग्रेस को उम्मीद है कि पंजाब कांग्रेस प्रभारी बनाने के बाद राजस्थान (rajsthan) की सीमा से सटी पंजाब की विधानसभा सीटों पर पार्टी को इसका फायदा मिलेगा। 

चौधरी के सामने चुनौती भी कम नहीं
हरीश चौधरी को पंजाब का प्रभारी तो बना दिया गया लेकिन उनके सामने चुनौती भी कम नहीं हैं। पार्टी में उपजे असंतोष को खत्म करना ही सबसे बड़ी चुनौती है। पार्टी में कई नेता नाराज हैं तो वहीं सिद्धू की तल्खी भी कम नहीं है। कैप्टन अमरिंदर सिंह के बाद सिद्धू की नए मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी से भी नहीं बन रही। कई मौकों पर उन्होंने अपनी ही सरकार की अलोचना की। सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) के मना करने के बाद भी सिद्धू ने अपने 13 सूत्रीय एजेंडे वाला पत्र सार्वजनिक कर दिया। ऐसे में चुनाव से पहले पार्टी में एक बार फिर असंतोष पनप सकता है। टिकट बंटवारे में भी कई नेताओं की नाराजगी सामने आएगी। सिद्धू और चन्नी के बीच तल्खी को कम करना भी हरीश चौधरी के सामने बड़ी चुनौती है।

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