पंजाब सरकार का बड़ा फैसला, किसी जाति- समुदाय से संबोधित 56 स्कूलों का नाम बदला

पंजाब सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने उन स्कूलों का नाम बदलने का आदेश दिया है, जिनके मौजूदा नाम में किसी भी जाति या समुदाय का उल्लेख था।

Ujjwal Singh | Published : Dec 30, 2022 9:43 AM IST / Updated: Dec 30 2022, 04:42 PM IST

चंडीगढ़(Punjab). पंजाब सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने उन स्कूलों का नाम बदलने का आदेश दिया है, जिनके मौजूदा नाम में किसी भी जाति या समुदाय का उल्लेख था। मान सरकार इसको लेकर तकरीबन 2 महीने से रूपरेखा तैयार कर रही थी, कुछ दिनों पहले की सरकार द्वारा विभाग से ऐसे स्कूलों की सूची मांगी गई थी जिनके नाम में किसी भी जाति या समुदाय का उल्लेख था। आपत्ति के बाद दो विद्यालयों के नाम नहीं बदलने का फैसला किया गया है।

गौरतलब है कि सूबे के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा उन सरकारी स्कूलों की सूची मांगी गई थी जिनका नाम किसी विशेष जाति या समुदाय के नाम पर रखा गया था या जिनके नाम पर कोई आपत्तिजनक शब्द था। शिक्षा विभाग द्वारा जिलों से प्राप्त जानकारी के आधार पर तैयार की गयी रिपोर्ट के अनुसार 56 ऐसे प्राथमिक विद्यालयों की पहचान की गई। मंत्री द्वारा ऐसे विद्यालयों की सूची मांगने के तकरीबन 1 माह बाद इन स्कूलों को जाति या समुदाय के संदर्भ को हटाकर उन्हें एक नया नाम देने के आदेश जारी किए गए हैं।

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दो स्कूलों के नाम बदलने पर रोक
विभाग द्वारा शासन को भेजी गई लिस्ट में 28 स्कूलों के नाम के साथ ‘बाजीगर’ जुड़ा हुआ था। ये स्कूल बाजीगर समुदाय की आबादी वाले कालोनियों में स्थित हैं। गौरतलब है कि बाजीगर पंजाब में एक अधिसूचित अनुसूचित जाति समुदाय है। जिसके बाद उनके नाम बदलने पर फैसला लिया गया, लेकिन नाम बदलने से पहले ही लुधियाना और मुक्तसर में एक-एक स्कूल ने विभाग को लिखा कि उनकी ग्राम पंचायत नहीं चाहती कि स्कूल का नाम बदला जाए और वे अपने नाम पर ‘बाजीगर बस्ती’ के संदर्भ को जारी रखना चाहती हैं। जिसके बाद विभाग ने इन दोनों स्कूलों का नाम बदलने पर रोक लगा दी है।

स्थानीय नायक या शहीद के नाम पर होने स्कूलों के नाम 
बताया जा रहा है कि कई इलाकों के आधार पर जहां वे स्थित हैं जिन अन्य जातियों और समुदायों को स्कूलों के नामों में उल्लेख किया गया था, उनमें बाल्मीकि बस्ती, सांसी वेहरा, सिकलीगर, जुलाहे, बोरिया बस्ती, मरासियान और जुलाहे बस्ती शामिल हैं। ये सभी पंजाब में अनुसूचित जाति समुदाय में अधिसूचित हैं। इन स्कूलों का नाम अब या तो उस गांव के नाम पर रखा गया है, जहां वे स्थित हैं, या किसी स्थानीय नायक, शहीद या किसी ज्ञात व्यक्ति के नाम पर किया गया है।

 पटियाला में बदले गए 12 स्कूलों के नाम 
पंजाब में सरकार ने जिन 56 स्कूलों का नाम बदला है, उनमें सबसे ज्यादा पटियाला में 12 स्कूल शामिल हैं। इसके आलावा मनसा में सात, नवांशहर में छह, गुरदासपुर और संगरूर में चार-चार, बठिंडा, बरनाला, मुक्तसर और फतेहगढ़ साहिब में तीन-तीन, फरीदकोट, लुधियाना, मलेरकोटला में दो-दो स्कूल हैं। इसके अलावा अमृतसर, होशियारपुर, मोगा, पठानकोट और मोहाली में एक-एक स्कूल हैं। पंजाब के छह जिलों – फिरोजपुर, फाजिल्का, जालंधर, कपूरथला, रोपड़ और तरनतारन ने बताया कि उनके पास ऐसा कोई स्कूल नहीं है। पंजाब में लगभग 12,800 सरकारी प्राथमिक विद्यालय हैं। 

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