पंजाब सरकार ने शुक्रवार को कहा कि खेतों में पराली के उपयुक्त निपटान में निवेश की काफी संभावना है उसने कंपनियों से पराली का प्रंसस्करण कर एथनॉल और बायोगैस बनाने में निवेश करने का आग्रह किया
मोहाली: पंजाब सरकार ने शुक्रवार को कहा कि खेतों में पराली के उपयुक्त निपटान में निवेश की काफी संभावना है। उसने कंपनियों से पराली का प्रंसस्करण कर एथनॉल और बायोगैस बनाने में निवेश करने का आग्रह किया। पराली जलाने को लेकर पंजाब को आलोचनाओं को सामना करना पड़ रहा है। राज्य हर महीने 2 करोड़ टन पराली उत्पादित करता है।
राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वजीत खन्ना ने प्रगतिशील पंजाब निवेश सम्मेलन के दौरान कहा, ''हमारे समक्ष पराली का जलाया जाना गंभीर मसला है। हर साल करीब 2 करोड़ टन पराली का उत्पादन होता है जिसमें से 50 लाख टन का प्रसंस्करण होता है। वहीं 1.5 करोड़ टन पराली को जलाने के अलावा किसानों के पास कोई विकल्प नहीं होता।''
उन्होंने कहा कि पराली प्रबंधन में निवेश की काफी संभावना है। खन्ना ने कहा, ''इसका उपयोग बॉयलर में जलाने में किया जा सकता है। हम इससे एथेनॉल और बायोगैस उत्पादित करने में निवेश आने की उम्मीद करते हैं।''
उन्होंने कहा कि फसल अवशेष के प्रबंधन को लेकर पिछले दो साल में केंद्र सरकार के सहयोग से 50,000 से अधिक मशीनें किसानों के बीच वितरित किये गये हैं। खन्ना ने कहा, ''पिछले साल हमने पराली जाये जाने के क्षेत्र में 10 प्रतिशत कमी लाने में सफल हुए थे लेकिन इस साल विभिन्न कारणों से ऐसे मामलों में कमी नहीं आयी है।''
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)
(फाइल फोटो)