पंजाब के व्यापारी ने दिल्ली में इंडिया गेट के पास खुदकुशी की, PM के नाम सुसाइड नोट, चौंकाने वाली घटना बताई

होशियारपुर के गढ़शंकर में रहने वाले व्यापारी नरेश कुमार खन्ना ने सुसाइड नोट में लिखा- ‘ना तो मैं पागल हूं और ना कभी पागलपन का इलाज करवाया। मैंने यह सुसाइड नोट पूरे होशोहवाश में लिख रहा हूं।

होशियारपुर। पंजाब के होशियारपुर के गढ़शंकर के व्यापारी ने शुक्रवार को दिल्ली में इंडिया गेट के पास आत्महत्या कर ली। मौके से एक सुसाइड बरामद किया है। ये प्रधानमंत्री के नाम से संबोधित है। व्यापारी का नाम नरेश कुमार खन्ना है। आरोप लगाया है कि तीन व्यक्तियों ने मुझे 41 लाख रुपए जमीन बेच दी। बाद में पता चला कि मेरे साथ ठगी की गई। क्योंकि, बेची गई जमीन रेलवे की है और आरोपियों ने उस पर कब्जा करके बेचा है। इसी से परेशान होकर खुदकुशी कर रहा हूं। पुलिस ने तीनों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया और 41 लाख वसूली करने की मांग की है। 

नरेश ने प्रधानमंत्री के नाम सुसाइड नोट में लिखा है कि 31 जनवरी, 2019 को दुकान मालिक समेत तीन व्यक्तियों ने कहा कि नवांशहर रोड पर आठ मरले जमीन है, जिसमें तीन दुकानें हैं। हमारा 41 लाख में उस जमीन का सौदा हो गया। मैंने अपने बैंक खाते से खन्ना सोप फैक्टरी के खाते में रुपए ट्रांसफर करवा दिए। बाद में पता चला ये जमीन तो रेलवे की है। मैंने रुपए मांगे तो उन्होंने मुझे मारने की धमकी दी। इसके चलते मैं आत्महत्या करने को मजबूर हो गया। सुसाइड नोट में लिखा- ‘ना तो मैं पागल हूं और ना कभी पागलपन का इलाज करवाया। मैंने यह सुसाइड नोट पूरे होशोहवाश में लिखा है।

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सुसाइड नोट में यह लिखा है...
‘मैं अपने भतीजे की दुकान खन्ना शॉप फैक्ट्री से चाय पत्ती लेने के लिए 31 जनवरी, 2019 को गया था। वहां पर एक भाई के दो पुत्र तो दूसरे भाई का एक पुत्र बैठे बातें कर रहे थे। उन्होंने कहा कि नवांशहर रोड पर उनकी आठ मरले की जमीन है, जिसमें तीन दुकानें है। पूछने पर बताया कि इस जमीन को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं है और हमारा 41 लाख में सौदा भी तय हो गया। इसके बाद मैंने 25 लाख 90 हजार अपने एसबीआई बैंक के खाते से खन्ना शॉप फैक्ट्री के खाते में 3 मई, 21 दिसंबर 2019 और 31 जनवरी 2020 को ट्रांसफर किए। इसके बाद मैंने रजिस्ट्री करने को कहा तो तीनों कहने लगे पिता के नाम से आपके नाम जमीन ट्रांसफर करवा देंगे, इससे आपके पैसे बच जाएंगे। मैंने उनसे कहा कि तीनों दुकान तो आपके जीजा के नाम हैं। इस पर उन्होंने कहा कि जीजा से दीदी के नाम और दीदी से पिता के नाम करवाने के बाद हम दोनों भाई अपने पिता के नाम ट्रांसफर करवा देंगे। उसके बाद पिता से आपके नाम करवा देंगे। इसके बाद मैंने तीनों को 41 लाख कैश दे दिया। फिर मेरे भाई रमेश कुमार खन्ना ने जमीन की रजिस्ट्री मेरे नाम करवा दी और मेरे खाते में पहले खन्ना शॉप फैक्ट्री के खाते में ट्रांसफर करवाए। इसके करीब 4 महीने पहले भतीजों से खरीदी जमीन के बारे में रेलवे कर्मचारियों ने बताया कि यह जमीन तो रेलवे की है। इस पर मैंने आरटीआई डाली। जिससे पता लगा कि मेरे साथ धोखा हो गया है। अपने भाई रमेश कुमार खन्ना के पास गया और कहा कि रजिस्ट्री वापस करवा लो और मेरे 41 लाख वापस दे दो। इस पर तीनों भतीजों ने बदतमीजी और हाथापाई कर मारने की धमकी दी। इसी के कारण मैं आत्महत्या करने को मजबूर हुआ हूं।’

6 लाख मंदिरों में दान दिए जाएं
सुसाइड नोट में नरेश खन्ना ने 41 लाख रुपए में से 2 लाख श्री राम मंदिर अयोध्या को, एक लाख काली माता मंदिर रामपुर को, एक लाख रुपए श्री वैष्णो देवी मंदिर दीप कॉलोनी गढ़शकर को, एक लाख शमशान घाट गढ़शकर को और 35 लाख उनके पुत्र गौरव खन्ना को देने के लिए लिखा है।

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